मुंबई:अधर्म कितना भी मजबूत हो अंत में उसे पराजित होना ही पड़ता है – मनोज अवस्थी…
मालाड श्री राम कथा में सीता हरण,जटायु प्रसंग में भावुक हुए भक्त....
रिपोर्ट/अजय उपाध्याय,
मालाड पश्चिम के म्हाडा एकता नगर में संगीतमय श्री राम कथा में कथावाचक आचार्य मनोज अवस्थी जी ने व्यासपीठ से स्वर्ण मृग की प्रसंग का बड़े ही रोचक ढंग से वर्णन करते हुए कहा कि, जब मानव भक्ति भगवान से विमुख होकर केवल भौतिक साधनों की ओर आकर्षित होती है, तो उसे भगवान प्राप्ति के लिए भटकना पड़ता है। महाराज आगे जटायु के प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि, जो दूसरों की सेवा में लगा रहता है उसकी चिंता स्वयं भगवान करते हैं। जैसे शबरी की भक्ति ही थी कि श्रीराम यह जानते हुए कि वह भीलनी जात की है। इसके बावजूद भी उसके झूठे बेरों को खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। भगवान की साधना में जातिपाती का भेदभाव नहीं होता है। वहीं उन्होंने कहा कि सुग्रीव से मिलना व बाली वध के प्रसंग के माध्यम से समाज को संदेश दिया कि, अधर्म कितना भी मजबूत हो अंत में उसे पराजित होना ही पड़ता है और अधर्म पर धर्म की विजय अवश्य होती है। 12 जनवरी से चल रही कथा का 20 को समापन हो जाएगा। छत्रपति संभाजीराजे मैदान में चल रहे कथा की शुरुवात शाम 5 से 9 बजे तक चल रहा रह है ,जहां सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण कर रहें हैं।इस कथा के मुख्य पोथी यजमान कलाकांत मिश्रा हैं। संचालन का कामकाज राजीव मिश्रा और अविनाश दिनेश पांडेय मीडिया प्रभारी का कार्य संभाल रहे हैं। इसके अलावा श्री राम कथा में अजीत पांडेय सहित बड़ी संख्या में लोगों के सहयोग से इसके कथा का आयोजन चल रहा है। इस अवसर पर कथा में पहुँचे राजेश मिश्रा,पंकज पांडेय, मनोज सहित अन्य गणमान्यों का स्वागत किया।