अवैध खनन रोकने 20 नई खदानें खुलेंगी 32 करोड़ से अधिक का मिलेगा राजस्व

बैतूल तहसील आठनेर से रिपोर्टर अर्पण चिठोरे

बैतूल में रेत का अवैध खनन रोकने के लिए अब उन खदानों को भी वैध करने की तैयारी है, जहां पर अवैध खनन होता है। बैतूल की 20 नई रेत खदानें खुलने के बाद शासन को 32 करोड़ 50 लाख का राजस्व मिलेगा, वहीं लोगों को भी रेत सस्ती मिल सकेगी। रेत खदानें बनाने के लिए खनिज विभाग ने राजस्व, पंचायत और वन विभाग से एनओसी मांगी है। एनओसी के लिए राजस्व विभाग ने अपने क्षेत्र में आने वाली सभी खदानों और वन क्षेत्र से सटी पांच खदानों का निरीक्षण वनविभाग के अधिकारियों ने कर लिया है। इन विभागों से एनओसी जल्द मिलने की उम्मीद है।

वर्तमान में जिले में 42 खदानों का आक्शन किया जाता है, उनके अलावा भी कुछ खदानें ऐसी हैं, जहां से बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किया जाता है, लेकिन यह खदानें खनिज विभाग के रिकॉर्ड में नहीं हैं। नई खदानें खुलने से 62 हो जाएंगी। घोड़ाडोंगरी, शाहपुर और चिचोली ब्लॉक में स्थित 20 खदानों को विभाग ने रिकॉर्ड में शामिल कर नई रेत खदान घोषित करने की प्रक्रिया की जा रही है।
इन स्थानों पर बनेंगी नई रेत खदान

विभाग द्वारा चिह्नित नई रेत खदानें शाहपुर ब्लॉक में टांगनामाल, पाठई, गुवाड़ी-1, गुवाड़ी-2, गुवाड़ी-3, बीजादेही, डाबरी, कोटमी, गुरगुंदा-1, गुरगुंदा-2, धांसईमाल, डेंडूपुरा-1, डेंडूपुरा 2, घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के बांसपुर, गोलई बुजुर्ग, कैली रैयत तथा हिरणघाटी के अलावा चिचोली ब्लॉक में खपरिया की रेत खदान शामिल हैं। इन खदानों में 13 लाख 23 हजार 725 घनमीटर रेत का खनन किया जा सकता है।

वन विभाग ने किया निरीक्षण

^20 नई रेत खदानें चिह्नित की हैं। इन्हें नई खदान घोषित करने की प्रक्रिया की जा रही है। इसके लिए राजस्व, वन विभाग और पंचायत की एनओसी मांगने की प्रक्रिया की जा रही है। राजस्व और वन विभाग द्वारा निरीक्षण कर लिया गया है। एनओसी आने के बाद इन खदानों से अवैध उत्खनन रोका जा सकेगा, साथ ही शासन को राजस्व भी मिलेगा।

<span;>- मनीष पालेवार, उप संचालक खनिज विभाग

इन 20 खदानों में 13 लाख 23 हजार 725 घनमीटर रेत उपलब्ध

नई खदानों को खोलने के लिए प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य खनिज निगम द्वारा अधिकृत रेत ठेकेदार को खनन के लिए दिया जाएगा। इन 20 खदानों में 13 लाख 23 हजार 725 घनमीटर रेत उपलब्ध है। यदि 250 रुपए घनमीटर से रेत का आक्शन होता है तो शासन को 32 करोड़ 50 लाख रुपए का राजस्व मिलेगा। वहीं इन खदानों से रेत का अवैध उत्खनन भी बंद हो जाएगा।

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