हीटवेव से बचाव हेतु आयोजित की गई बैठक।
विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
देवरिया।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, देवरिया, विकास भवन में हीटवेव से संबंधित बीमारियों के प्रबंधन को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार वैश्य ने की, जिसमें समस्त उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं पशु चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में हीटवेव के दुष्प्रभाव एवं रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। डॉ. वैश्य ने बताया कि आने वाले दिनों में तापमान में और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे पशुओं के बीमार होने और उनकी उत्पादन क्षमता प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाएगा। अत्यधिक गर्मी के कारण पशुओं को डिहाइड्रेशन, बुखार और गर्भपात जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी परिस्थितियों से बचाव के लिए पशुपालकों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
पशुओं को हीटवेव से बचाने के लिए कुछ जरूरी उपाय किए जा सकते हैं। पशुओं को ऐसी जगह रखना चाहिए जहां पर्याप्त छाया और हवा हो, जिससे वे गर्मी से राहत पा सकें। भैंसवंशीय पशुओं को शाम के समय नहलाना चाहिए और पशु बाड़ों में लगी टाट पर पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए, ताकि वहां ठंडक बनी रहे। पशुओं के लिए शुद्ध पेयजल, सूखा चारा और हरा चारा उपलब्ध कराना आवश्यक है। भार ढोने वाले पशुओं को दोपहर के समय काम में न लगाकर छायादार स्थान पर रखना चाहिए, ताकि वे गर्मी से प्रभावित न हों।
यदि किसी पशु को लू लग जाए तो उसे तुरंत छायादार स्थान पर ले जाकर उसके शरीर और सिर पर ठंडा पानी डालना चाहिए तथा भीगा हुआ कपड़ा बार-बार रखना चाहिए, जिससे उसे राहत मिले। यदि पशु चारा खाना बंद कर दे, सुस्त दिखाई दे या बीमार महसूस हो, तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क कर इलाज शुरू कराना चाहिए।
हीटवेव के दौरान ज्वार और बाजरा में नमी की कमी के कारण पशुओं में सायनाइड विषाक्तता की संभावना बढ़ जाती है। इससे प्रभावित पशुओं के मुंह से झाग निकलने लगता है और वे गिरकर तड़पने लगते हैं। इसके उपचार हेतु सोडियम थायोसल्फेट और फ्लूड थेरेपी दी जाती है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पशु चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में सोडियम थायोसल्फेट एवं एट्रोपिन सल्फेट उपलब्ध हैं। उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि यदि उनके पशु बीमार पड़ते हैं तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय में ले जाकर समुचित इलाज कराएं।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि डॉ. रामधारी राम, उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, राजकीय पशु चिकित्सालय, रुद्रपुर को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। पशुपालक किसी भी समस्या के लिए उनसे संपर्क कर सकते हैं।