आजमगढ़:क्यों नहीं होगी योगी सरकार बदना जब स्पताल के मुखिया ही करेंगे ऐसा काम

Azamgarh: Why will not the Yogi government deteriorate when the head of the hospital will do such a thing

मण्डलीय जिला चिकित्सालय आजमगढ़ के प्रमुख अधीक्षक को हर आपरेशन पर चढ़ावा चढ़ने का लगा आरोप,सोशल मीडिया पर ऑडियो हो रही है वायरल

रिपोर्ट:रोशन लाल

आजमगढ़:मंडलीय जिला अस्पताल की एक आडियो इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है जो क्षेत्र में इन दिनों चर्चा की विषय बनी हुई है।वैसे भी मंडलीय चिकित्सालय अपने अजब गजब कारनामों और फैली दुर्व्यवस्थाओं के कारण हमेसा सुर्खियों में बना रहता है।

 

 

 

जिला अस्पताल के ऑर्थो सर्जन और किसी अन्य व्यक्ति की बातचीत का एक ऑडियो इन दिनों तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह ऑडियो लगभग दो माह पुरानी बताई जा रही है। इस ऑडियो में दो महापूर्व एक अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा एक ऑर्थो सर्जन के साथ की गई मारपीट की चर्चा होरही है। चर्चा के समय ऑर्थो सर्जन द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ भी हो एसआईसी हम लोगों के ही फेवर में बात और कार्य करेंगे क्योंकि वह जिला अस्पताल में होने वाले हर ऑपरेशन में 500 रूपये लेते हैं। हर सर्जन उन्हें 500 रूपये देता है। जिला अस्पताल में फैली भयंकर दुर्व्यवस्था जिला अस्पताल के ही ऑर्थो सर्जन बयां कर रहे हैं। जिला अस्पताल में मरीजों से इलाज और ऑपरेशन के नाम पर हो रही अवैध धन वसूली पर कहां से लगाम लगेगी जब जिला अस्पताल के मुखिया ही ऑपरेशन के नाम पर चढ़ावा लेते है, और सर्जन डॉक्टर देते हैं। जिला अस्पताल में आए दिन मरीज से इलाज और ऑपरेशन के नाम पर भारी भरकम अवैध धन वसूली होती है। जो आए दिन अखबारों की सुर्खियां बनती हैं।

 

 

 

 

जिससे सरकार की छवि धूमिल होने के साथ-साथ शासन की मंशा मरीज को मुफ्त और बेहतर इलाज पर ग्रहण लग गया है। जहां प्रमुख अधीक्षक के द्वारा कुछ बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा हैं वहीं जिला अस्पताल में मरीजों से इलाज और ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टर और उनके सहयोगियों द्वारा हो रही अवैध धन वसूली पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। क्योंकि वह खुद मरीज के साथ हो रही अवैध धन वसूली के हिस्सेदार हैं। दूर दराज और आसपास से गरीब मरीज यह सोचकर अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं की जिला अस्पताल में उनका मुफ्त और बेहतर इलाज होगा पर यहां आने के बाद वह अपने आप को ठगा और लूटा सा महसूस करते हैं। ऑर्थो या अन्य किसी ऑपरेशन के लिए आये भर्ती मरीज से इलाज और ऑपरेशन के लिए डॉक्टर उनके निजी सहयोगी और अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा ऑपरेशन और इलाज के लिए सौदेबाजी शुरू हो जाती है।

 

 

 

वहां यह कहावत चरितार्थ होती है कि मरता तो क्या नहीं करता मरीज से इलाज और ऑपरेशन के नाम पर अवैध धन वसूली होती है। जब इस अवैध धन वसूली में अस्पताल के मुखिया ही सम्मिलित है तो कहां से रोक लग पाएगी।

Related Articles

Back to top button