Azamgarh news:क्यों नहीं होगी भाजपा सरकार बदनाम जब गांव के प्रधान जी ही करेंगे ऐसा काम
आजमगढ़ जिला के बिलरियागंज ब्लॉक के हरखपुर गांव के सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान को किसी कारण बस विभागीय अधिकारियों द्वारा बर्खास्त करते हुए अन्यत्र कोटेदार के यहां अटैच कर दिया गया।और ग्रामीणों की मांग के चलते अधिकारियों द्वारा गांव में ही किसी को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान आवंटित करने की योजना बनाई गई।27 अक्टूबर को गांव में पहुंचे ब्लाक कर्मचारियों द्वारा प्राथमिकता के तौर पर गांव में चल रहे समूह को ओबीसी के तहत पात्र व्यक्ति को देने की बात कही गई।लेकिन यह कोटा ग्राम प्रधान ने नियम और कानून को ताख पर रखते हुए अपने चहेते सुनीता पत्नी प्रमोद चौहान के नाम करदिया जिसका पहले समूह में नाम नहीं था लेकिन सीमा शर्मा का नाम हटाकर सुनीता का नाम सीता अजीविका स्वयं सहायता समूह में महिला मेट के पद पर डाला गया किंतु अभी भी लव कुश ऐप में सुनीता का नाम कहीं शो नहीं कर रहा है।जानकारी होने पर गांव में एनआरएलएम द्वारा संचालित समूह की महिला सीमा शर्मा ने इसका विरोध किया तो प्रधान जी ने गोरखपुर क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री सहजानंद का नाम लेते हुए कहा कि हम भाजपा नेता सहजानंद राय को बैठाकर कोटा अपने पक्ष में करवा लेंगे। इसके बाद सीमा शर्मा ने ग्राम प्रधान की मनमानी और सहजानंद राय को बदनाम करने की बात ब्लॉक मुख्यालय बिलरियागंज पहुंचकर वीडियो महोदया के समक्ष रखना चाहा लेकिन वीडियो साहिबा ब्लॉक परिसर में उपस्थित नहीं थी।तत्पश्चात सीमा शर्मा ने अपने शिकायती पत्र एडियो पंचायत को देना चाहा तो एडियो पंचायत द्वारा बताया गया कि आप अपना शिकायती पत्र वीडियो साहिब के स्टोनों को दे दीजिए वही इसका समाधान करेंगी हम लेने में असमर्थ हैं।यह सारी बातें सीमा शर्मा ने मीडिया से बाताई कहा कि हमारे गांव के प्रधान कोटे को लेकर बार-बार यह धमकी देते हैं कि हम भाजपा नेता सहजानंद राय को बैठा कर अपने पक्ष में कोटा का काम करवा लेंगे।जबकि यह पूरी तरह से गलत है क्योंकि कोटा समूह में किसी अन्य महिला के नाम हो यह उचित है उन्होंने मीडिया के माध्यम से कोटे को पुराने वरिष्ठ समूह के लोगों को दिये जाने की बात कही।इस संबंध में जब ग्राम प्रधान हरखपुर प्रमोद चौहान से मोबाइल द्वारा उनके नंबर पर संपर्क किया गया तो उनके मोबाइल पर घंटी तो बजी लेकिन उनका फोन नहीं उठा जिससे उनके ऊपर लगाए गए आरोपों के बारे में कोई सही जानकारी नहीं मिल सके।मामला कुछ भी हो यह तो एक जांच का विषय है अगर संबंधित अधिकारी इसमें जांच करेंगे तो दूध का दूध पानी का पानी अलग हो जाएगा।