कर्नाटक के मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने आदिवासी निगम घोटाले में हाथ होने से किया इनकार

Karnataka Minister Sharan Prakash Patil denies involvement in tribal corporation scam

बेंगलुरु, 8 जून : कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में कथित घोटाले और आदिवासी कल्याण बोर्ड के एक कर्मचारी की आत्महत्या के मामले को लेकर भाजपा राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल के इस्तीफे की मांग कर रही है। इस बीच मंत्री ने शनिवार को अपराध में शामिल होने से इनकार किया।

 

 

 

 

बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने दावा किया कि केवल उनके कार्यालय का ही संबंध दिया जा रहा है। आदर्श आचार संहिता के कारण मैं 26 मई को कार्यालय नहीं गया। आरोप है कि उस दिन कोई बैठक हुई थी, तो इसकी जांच होनी चाहिए।

 

 

 

 

 

उन्होंने ने कहा, “चिकित्सा शिक्षा मंत्री का कोई संबंध नहीं है। कई लोग मंत्री के कार्यालय जाते हैं। हालांकि, मैं उस तारीख को कार्यालय नहीं गया था। सीसीटीवी फुटेज से सच्चाई सामने आ जाएगी। जब कोई संबंध ही नहीं है, तो मुझसे इस्तीफा कैसे मांगा जा सकता है?”

 

 

 

 

 

पाटिल ने कहा, “जब मैंने पूछताछ की तो कार्यालय के कर्मचारियों ने मुझे बताया कि कोई बैठक नहीं हुई। अगर जांच के लिए बुलाया जाएगा तो मैं इसमें शामिल होऊंगा। मैं ईमानदारी से काम करता हूं। अगर बैठक मेरे कार्यालय में हुई थी तो कार्रवाई करें। इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है।”

 

 

 

 

 

ऐसा आरोप है कि घोटाले की सूचना मिलने के बाद, मामले को दबाने के लिए मंत्री पाटिल के कार्यालय में पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और निगम के अध्यक्ष, कांग्रेस विधायक बसवराज दद्दल के साथ बैठक हुई थी।

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