15 जून को एएफए में कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड, रोमांचक फ्लाई पास्ट का होगा आयोजन
On June 15, AFA will host the Combined Graduation Parade, exciting fly past
नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना के अधिकारी एक रोमांचक फ्लाई पास्ट आयोजित करने जा रहे हैं।
15 जून को होने वाले इस फ्लाई पास्ट में पिलाटस पीसी-7 एमके-11, डोर्नियर, हॉक, किरण और चेतक विमानों की संरचनाओं द्वारा एक रोमांचक फ्लाई पास्ट होगा। साथ ही पिलाटस पीसी-7 एमके-2, एसयू-30 एमकेआई, सूर्य किरण एरोबैटिक टीम (एसकेएटी) और सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम द्वारा एरोबैटिक शो होंगे। यह कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड (सीजीपी) के समापन का प्रतीक होंगे।
15 जून को वायु सेना अकादमी (एएफए) में 213 अधिकारियों के पाठ्यक्रम की कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड (सीजीपी) होगी। भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के फ्लाइट कैडेटों के प्री-कमीशनिंग प्रशिक्षण के सफल समापन को चिह्नित करने के लिए यह परेड आयोजित की जाएगी। यह आयोजन पारंपरिक सैन्य भव्यता के साथ डुंडीगल, हैदराबाद एएफए में किया जाएगा। वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी परेड के समीक्षा अधिकारी (आरओ) होंगे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक समारोह के दौरान समीक्षा अधिकारी (आरओ) स्नातक प्रशिक्षुओं को राष्ट्रपति का कमीशन प्रदान करेंगे। इस समारोह में फ्लाइट कैडेट्स, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों और मित्र देशों के अधिकारियों को ‘विंग्स’ प्रदान करना शामिल है। यह अधिकारी सफलतापूर्वक अपना उड़ान प्रशिक्षण पूरा करेंगे। प्रशिक्षण की एक कठिन अवधि की परिणति होने के नाते, यह अवसर किसी भी सैन्य एविएटर के करियर में सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
फ्लाइंग ब्रांच का फ्लाइट कैडेट, जो ऑर्डर-ऑफ-मेरिट में प्रथम स्थान पर आता है, उसे समग्र प्रशिक्षण में उत्कृष्टता के लिए चीफ ऑफ द एयर स्टाफ ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ तथा राष्ट्रपति की पट्टिका से सम्मानित किया जाएगा। इस फ्लाइट कैडेट को परेड की कमान संभालने का भी सौभाग्य प्राप्त है। समीक्षा अधिकारी (आरओ) ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के बीच समग्र ऑर्डर-ऑफ-मेरिट में प्रथम स्थान पर आने वाले प्रशिक्षु को राष्ट्रपति की पट्टिका भी प्रदान करेंगे।
भारतीय वायुसेना का प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठान एएफए भारतीय वायुसेना के पायलटों, ग्राउंड ड्यूटी और तकनीकी अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण का उद्गम स्थल है। अकादमी औपचारिक रूप से तब अस्तित्व में आई जब भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने 11 अक्टूबर, 1967 को इसकी आधारशिला रखी। इस अकादमी में प्रशिक्षण का उद्देश्य सौहार्द की भावना को बढ़ावा देना और हर शाखा के अधिकारियों के बीच स्वस्थ बातचीत को प्रोत्साहित करना है।