देवरिया:गोवर्धन पर्वत को धारण कर कृष्ण ने कराया था इंद्र को भूल का एहसास
रिपोर्ट:विनय मिश्र
बरहज/देवरिया:उक्त बातें नौका टोला में चल रहे भागवत कथा के सातवें दिन कथा का रसपान करते हुए डॉ मिश्रा ने कहीं। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने देवराज इंद्र को उनकी भूल का एहसास कराया। देवराज इंद्र ने जो असुरो का का विनाश किया था तो देवराज इंद्र को अपनी शक्ति और सत्ता का घमंड हो गया था भगवान कृष्ण ने उनके दम्भ को चूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र का पूजा पाठ बंद करवा दिया था और गोवर्धन भगवान की पूजा प्रारंभ करवा दी थी जिस पर इंद्र ने कुपित होकर ब्रजमंडल में वर्षा शुरू कर दी थी भगवान कृष्ण ने वर्षा रूपी प्रलय से बचने के लिए अपनी कनिष्ठ का उंगली पर गोवर्धन पर्वत को धारण कर लिया । इंद्र के कोप से ब्रज मंडल वासियों को बचाकर इंद्र की गलती का इंद्र को एहसास कराया कथा के दौरान शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा, संतोष मिश्रा, सज्जन मणि त्रिपाठी, श्रीनिवास दुबे ,मुन्नी देवी, आश्रम पीठाधीश्वर बरहज आञ्जनेय दास, अभया नंद तिवारी, रामनिवास उपाध्याय, कुमकुम तिवारी, विनय मिश्र,अनमोल मिश्र सहित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु जन भागवत कथा सुन अपने जीवन को धन्य किया।