घोसी एवं अमिला रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगों, बुजुर्गो के लिए रैम्प न होने से उनके साथ परिजनों को हो रही परेशानी

 

रिपोर्ट:अशोकश्रीवास्तव ब्यूरोप्रमुख घोसी मऊ।

घोसी। इंदारा दोहरीघाट रेल खण्ड के गेज परिवर्तन के बाद घोसी एवं अमिला रेलवे स्टेशन पर रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद भी दिव्यंगो, बुजुर्गो को प्लेटफार्म पर जाने एवं उतरने के लिए रैम्प न होने से उनके साथ साथ आये लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। कई लोग उनको टांग कर चढ़ाने उतारने को बाध्य हो रहे है।

इंदारा दोहरीघाट रेल खण्ड पर स्थानीय रेल प्रशासन द्वारा चढ़ने उतरने के लिए सीढ़ियों का निर्माण तो कर दिया गया। परंतु प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एवं रेलमंत्री के स्पष्ट निर्देश कि दिव्यांगों, बुजुर्गो को प्लेताफ़ार्म पर आने जाने के लिए रैम्प का निर्माण जरूर हो। परंतु घोसी,अमिला एवं कोपागंज रेलवे स्टेशनों पर अधिकारी रैम्प का निर्माण करना भूल गए। जिसका खामियाजा दिव्यांगों, बुजुर्गो के साथ उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है।

करिमुद्दीनपुर निवासी रेहानी ने बताया कि घोसी रेलवे स्टेशन पर रैम्प नहीं होने से दिव्यांगों, बुजुर्गो को ट्रेन पकड़ने के लिए प्लेट फार्म पर जाने के लिए एवं उतर कर बाहर आने पर रैम्प के अभाव में बहुत परेशानी हो रही है।

घोसी नगर के दिव्यांग त्रिभुवन ने बताया कि रैम्प न होने से बहुत परेशानी होती है। ट्रेन पकड़ने के लिए लोगों के सहारे लेना पड़ता है।

बस स्टेशन निवासी बुजुर्ग जुग्गी लाल बरनवाल ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर रैम्प न होने से ट्रेन को पकड़ने और उतरने के बाद बाहर आने के लिए रैम्प न होने से बहुत कष्ट होता है। इस लिए दूसरे साधन से यात्रा करने को बाध्य होना पड़ता है।

पकड़ी गाव निवासी अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे के अधिकारियों द्वारा स्टेशन पर रैम्प का निर्माण न करना प्रधान मंत्री, रेलमंत्री के साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लघन है। इसके अभाव में दिव्यांगों, बुजुर्गो को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है।

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