वैश्विक कंपनियों के चीन से बाहर आपूर्ति श्रृंखला ले जाने का फायदा भारत और वियतनाम को : नोमुरा
Global companies benefit from moving supply chains out of China to India and Vietnam: Nomura
नई दिल्ली, 28 मई: वैश्विक कंपनियों के चीन से बाहर अपनी आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार करने का सीधा फायदा वियतनाम और भारत को मिलेगा। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक नोमुरा की हाल ही में आई रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म की ओर से अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि अपनी अच्छी मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के कारण वैश्विक कंपनियां भारत को चीन के एक मजबूत विकल्प के रूप में देखती है। वहीं, वियतनाम भी एक विकल्प के रूप में उभर रहा है।
चीन के बाहर आपूर्ति श्रृंखला के लिए भारत के एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरने की वजह सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर, रक्षा और ड्रग आदि के लिए अनुकूल मैन्यूफैक्चरिंग माहौल उपलब्ध कराना है।
नोमुरा का मानना है कि मौजूदा ट्रेंड के मुताबिक, भारत का निर्यात 2030 तक 10 प्रतिशत कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) के साथ 835 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जो कि 2023 में 431 डॉलर था।
रिपोर्ट में कहा गया कि कई देशों में विभिन्न सेक्टरों में कई सारे इक्विटी के अवसर हैं। हम भारत को लेकर काफी आशावादी है। निवेशकों को छोटी अवधि में थोड़ा सब्र रखने की जरूरत है। लेकिन हमें लगता है कि समय के साथ यहां कई अवसर निवेशकों को मिलेंगे।
संयुक्त राष्ट्र की हाल में आई रिपोर्ट में बताया गया कि पश्चिमी कॉरपोरेट कंपनियों के लिए भारत निवेश की पसंदीदा जगह के रूप में उभर रहा है।
अमेरिकी कंपनी एप्पल और उसके सप्लायर्स ने अगले दो से तीन वर्षों में भारत में प्रतिवर्ष 5 करोड़ स्मार्टफोन बनाने का लक्ष्य रखा है।
फॉक्सकॉन की ओर से भी भारत में मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
अमेरिका की माइक्रोन टेक्नोलॉजी की ओर से गुजरात के सानंद में 22,500 करोड़ रुपये सेमीकंडक्टर प्लांट लगाया जा रहा है। मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 1.25 लाख करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर प्लांट्स का उद्घाटन किया गया था।
रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले 10 वर्षों में भारत से मोबाइल निर्यात में काफी उछाल देखा गया है।
इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, 2014 से 2024 के बीच कुल 3.22 लाख करोड़ के मोबाइल का निर्यात हुआ है। वहीं, वित्त वर्ष 24 में अनुमानित निर्यात 1.20 लाख करोड़ का हो सकता है।
माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 26 तक भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।