क्वाड की बैठक में उठी भारत को संयुक्त राष्ट्र में परमानेंट सीट देने की मांग : डॉ. जेके बंसल
The demand for giving India a permanent seat in the United Nations arose in the Quad meeting: Dr. JK Bansal
Retired Major General Dr. JK Bansal had a special conversation with IANS regarding Prime Minister Narendra Modi’s US visit. Praising PM Modi’s statement, he said, “The Prime Minister has clearly said that Quad is a democratic inclusive group. Which is very important for the sovereignty of the country.”
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ. जेके बंसल ने आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने पीएम मोदी के बयान की तारीफ करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि क्वाड एक लोकतांत्रिक समावेशी समूह है। जो देश की संप्रभुता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।”
रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ. जेके बंसल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड में कहा कि यह बैठक एक तनावपूर्ण माहौल के बीच हो रही है। उन्होंने अपने बयान के जरिए यह बात बोलने की कोशिश की है कि विश्व में शांति कायम होनी चाहिए। उन्होंने कई बार बोला है कि यह युद्ध का समय नहीं है, यह विकास का समय है, इसलिए शांति के प्रयास के लिए कदम उठाने चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड के अन्य सदस्यों के सामने चीन की गतिविधियों का भी मुद्दा उठाया। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से कहा गया कि कोस्टल गार्ड टू कोस्टल गार्ड से जुड़ा एक ऑपरेशन होगा और इसके लिए आपस में सहयोग किया जाएगा। इस दौरान जरूरी उपकरण भी मुहैया कराए जाएंगे, ताकि क्वाड को सभी गतिविधियों के बारे में पता चल सके।”
रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ. जेके बंसल ने बताया कि क्वाड की बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र के रिफॉर्म का भी जिक्र किया गया। इसमें शांति, सुरक्षा और विकास तो पहले से ही शामिल है, लेकिन, एक अन्य प्वाइंट यानि काउंटर टेररिज्म को इसमें शामिल किया गया है। इस मुद्दे को लेकर भी क्वाड सदस्यों के बीच भी बातचीत हुई।”
उन्होंने कहा कि क्वाड की बैठक में भारत को संयुक्त राष्ट्र में परमानेंट सीट देने की भी मांग उठी, जिसका अमेरिका ने भी समर्थन किया है। डॉ. जेके बंसल ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने क्वाड की बैठक में बहुत सारी बातों को उठाया है। उन्होंने कहा है कि हमारे पास काफी मुद्दे हैं, चाहे वो अपने देश की संप्रभुता के लिए हो या फिर स्वास्थ्य से संबंधित हो। भारत ने साफ कर दिया है कि इन मुद्दों पर काम किया जाएगा।