आइजीआरएस व उच्च न्यायालय में लंबित वादों की जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक
जून अंत तक सभी पेंडिग व डिफाल्टर वादों का करें प्रभावी निस्तारण-जिलाधिकारी
रिपोर्ट अशरफ संजरी
भदोही। जिलाधिकारी विशाल सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनसुनवाई पोर्टल “समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली” आइजीआरएस व मा. उच्च न्यायालय में लंबित वादों की समीक्षा संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
जिलाधिकारी ने बताया कि मा.मुख्यमंत्री एवं अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा समय.समय पर आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त संदर्भों के निस्तारण एवं गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा की जा रही है। आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त संदर्भों का निस्तारण संबंधित अधिकारी तत्काल करें और शिकायतकर्ता से फोन पर भी संपर्क करें, जो अधिकारी शिकायतों के प्रति गंभीर नहीं है और शिकायत डिफाल्टर की श्रेणी में जा रही हैं ऐसे अधिकारियों का अगले बैठक में वेतन तो रोका ही जाएगा और उनके प्रति विभागीय कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि पहली बार में ही शिकायतों का सम्यक निस्तारण सुनिश्चित होना चाहिए, संबंधित अधिकारी मौके पर जाकर सभी पक्षों को सुनने समझने के बाद या आवश्यकता पड़ने पर अन्य विभागों के साथ सामनवय स्थापित करते हुए संतुष्टि परक निस्तारण सुनिश्चित करें। खराब परफॉर्मेंस वाले विभागों अधिकारियों को दंडित भी किया जाएगा। जून माह तक सभी पेंडिग व डिफाल्टर शिकायतों को का निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए।
तीनों तहसीलों के टॉप 10 ग्राम पंचायत में जिसमें अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही है। वहां पर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समय-समय पर ग्राम चौपाल लगाकर दोनों पक्षों को सुनते हुए शिकायतों के पैटर्न को समझते हुए प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित करें। उच्च न्यायालय में लंबित वादों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी विशाल सिंह ने कहा कि 5 साल से अधिक समय से लंबित मुकदमों का जून अंत तक हर हाल में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। धारा 24 का मुकदमा एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार प्रभावी तरीके से सुनते हुए फैसला कराए। भूमि पैदाइश के बाद पत्थर गाडने, मेड बंदी कराए जाने के बाद यदि विपक्षी या अवांछित तत्वों द्वारा तोड़ा जाता है तो तत्काल उन पर एफआईआर करवाते हुए सख्त कार्रवाई करें। समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार प्रतिदिन कोर्ट में बैठकर फैसलों का प्रभावी सुनवाई करते हुए निस्तारण करें। फाइलों का डिस्पोजल समय सीमा में होना चाहिए।
अपर जिलाधिकारी कुंवर वीरेंद्र मौर्य ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन समय काल के दृष्टिगत आइजीआरएस में काफी शिकायतें आ गई हैं, जिन्हें जून अंत तक सभी अधिकारी/विभाग मिलकर हर हाल में निस्तारण सुनिश्चित कराए। जनसुनवाई समीक्षा बैठक में रैंकिंग समीक्षा, टॉप 10 ग्राम पंचायत जिसमें अधिक शिकायत प्राप्त हो रही है ,असंतुष्ट फीडबैक प्राप्तकर्ता टॉप 10 अधिकारी की सूची ,असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने का मुख्य कारण ,स्पेशल क्लोज एवं विशेष बंद की समीक्षा, माह जून 2024 में टॉप 20 शिकायत प्राप्तकर्ता की सूची, डिफॉल्टर प्रत्येक दिवस रखने की अद्यतन सूची ,आइजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु विभागों से अपेक्षा संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि पेशेवर शिकायत कर्ताओ पर नकेल कसते हुए उन पर विधिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अपर जिलाधिकारी न्यायिक शिव नारायण सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल्दबाजी में शिकायत सन्दर्भ निस्तारित न किए जाएं। आवश्यकतानुसार आवेदक से दूरभाष पर वार्ता करने के उपरान्त ही अन्तिम निस्तारण आख्या अपलोड की जाए। भूमि के विवादित प्रकरणों में यदि किसी न्यायालय में वाद विचाराधीन है तो वाद का संपूर्ण विवरण यथा मा० न्यायालय का नाम, वाद संख्या, सुनवाई की अगली तिथि इत्यादि अन्कित कर के आख्या अपलोड की जाए। भूमि विवाद के प्रकरणों अथवा भूमि की पैमाईश के प्रकरणों को थाना समाधान दिवस में दर्ज कर राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम गठित कर निस्तारण का प्रयास किया जाए एवं तदोपरान्त ही आख्या अपलोड की जाए।
सरकारी/सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा पाए जाने पर उस तत्काल कब्जा मुक्त कराए जाएं। एफआईआर दर्ज करने,वाद दाखिल करने की आवश्यकता होने पर यह कार्यवाही करते हुए मा० न्यायालय का नाम, वाद संख्या, सुनवाई की अगली तिथि,एफआईआर संख्या एवं तिथि का उल्लेख आख्या में अवश्य किया जाए। आवश्यकतानुसार ऐसे प्रकरणों में जिनमें भू.माफिया द्वारा अवैध कब्जा किया जाना प्रतीत हो रहा हो और तहसील स्तर से कार्यवाही सम्भव न हो तो ऐसे अवैध कब्जेदारों को भू.माफिया की सूची में दर्ज कर अग्रेतर कार्यवाही की जाए एवं उसकी सूचना का उल्लेख आख्या में किया जाए।तहसील स्तर से सम्बन्धित प्रकरणों के निस्तारण में नोटिंग की प्रति अपलोड न की जाए बल्कि अन्तिम निस्तारण आख्या जो सक्षम स्तर से हस्ताक्षरित हो की साफ प्रति ही अपलोड की जाए। जिन प्रकरणों में आवेदक द्वारा असन्तोषजनक फीडबैक दिया गया हो उन प्रकरणों में आवेदक से वार्ता कर स्थलीय निरीक्षण कर उसके बयान सहित अन्तिम आख्या अपलोड की जाए। पुरानी आख्या को पुनः अपलोड कर सन्दर्भ को निस्तारित करने के प्रयास न किए जाएं। अन्तिम संशोधित आख्या ही अपलोड की जाए। इस अवसर पर समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार सहित सभी सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी आदि उपस्थित रहे।