बलिया भगवान से प्रेम करना ही भगवत कथा सुनने का मानव का कर्तव्य
रिपोर्ट संजय सिंह
रसड़ा (बलिया) श्री रामचरित मानस सत्संग अनुष्ठान समिति द्वारा श्रीनाथ मठ पर आयोजित राम कथा के नौवे दिन शनिवार को के रात्रि में राम कथा में श्रीमती नीलम शास्त्री मानस वमर्मज्ञ ने प्रवचन से लोग को वे लसंबोधन मे कही कि भगवान प्रेम व भक्ति करना मानव का पहला कर्तव्य है हमे प्रभु ने यह शरीर दिया है जिसे हमे जीवन के कई आश्रम के पड़ाव से सबसे अच्छा गृहस्तआश्रम है जिसमे अपने परिवार मे रहकर भगवान को प्राप्त कर सकते है। राम राज्य मे एक घाट पर शे व बकरी पानी ग्रहण करेते सभी सुखी थे किसी को किसी प्रकार का रोग नही था सब आपस मे मिलजुल कर प्रेम पूर्वक रहते थे कोई भेदभाव नही था जिसे राम राज्य मे मर्यादा संस्कार आज्ञा कारी सबके सब अपने जीवन आननदमय व्यतित करते थे। वाराणसी से आयी श्रीमती नीलम शास्त्री ने अपार जनसमूह को भगवत कथा से संबोधित करती हुई कही कि भगवान श्री राम को अपने प्रजा के प्रति ख्याल रखे हुए सभी सुखी जीवन बिताये का बराबर अपने राज्यकाल मे स्वयं भ्रमण कर मालूम करते थे। जिससे राम राज्य मे भगवान राम से सभी प्रेकरता थाभक्ति भाव से और प्रेम से भगवत कथा सुनना ही सबसे अच्छी भक्ति बताया गया है। उनका स्मरण करना तभी जीवन सार्थक हो सकता है।विंध्याचल धाम से पधारे जगतगुरु लक्ष्मण दास जी महाराज भगवत कथा प्रवचन मे जन समूह को प्रेम भक्ति से भगवान को पाने का एक सशक्त मार्ग है जिससे आने वाले समय मनुष्य का जीवन सुख आनन्द से व्यतित होता है। इस अवसर पर यज्ञ समिति के अध्यक्ष राम जी लकार्यक्रम में श्रीनाथ मठ के महंत श्री कौशलेंद्र गिरि जी महाराज एवं नागपुर मठ के महंत शिवानंद महाराज एवं डॉक्टर रामबाबू दीना सिंह राम जी काका अशोक आदि रहे।