देवदूत वानर सेना: मानवता की सेवा में समर्पित एक अनूठी पहल

यूपी:समाज में सेवा और सहयोग की अलख जगाने वाला एक अनूठा संगठन, देवदूत वानर सेना, ने बहुत ही कम समय में प्रदेश और देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह संगठन अपने निःस्वार्थ समाजसेवी कार्यों के कारण चर्चाओं में बना हुआ है। पिछड़ा वर्ग कल्याण के डिप्टी डायरेक्टर श्री अजीत प्रताप सिंह और जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह जी के मार्गदर्शन में, यह संगठन पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ मानवता की सेवा में जुटा हुआ है।

देवदूत वानर सेना का कार्य करने का तरीका

वानर सेना किसी भी जरूरतमंद की आवाज सुनते ही उसकी सहायता के लिए सक्रिय हो जाती है। संगठन के वालंटियर पहले मामले का सत्यापन करते हैं और उसके बाद एक पोस्टर डिजाइन किया जाता है, जिसमें परिवार की जानकारी, बैंक खाते का विवरण और क्यूआर कोड जैसी आवश्यक जानकारियाँ सम्मिलित होती हैं। इसके बाद, सोशल मीडिया के माध्यम से इस पोस्टर को एक संवेदनशील अपील के साथ साझा किया जाता है।

संगठन के सदस्य और समर्थक इस अभियान को तेजी से आगे बढ़ाते हैं और देखते ही देखते वानर सेना के सैनिक उस जरूरतमंद की सहायता करने में सफल हो जाते हैं। वर्तमान समय में, देवदूत वानर सेना एक साथ सात अभियान चला रही है, जो अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है। आइए, इन अभियानों के बारे में संक्षेप में जानते हैं और यदि आप इनमें से किसी भी अभियान में योगदान देना चाहते हैं, तो देवदूत वानर सेना की पूरी टीम आपकी आभारी रहेगी।

वर्तमान में चल रहे सात प्रमुख अभियान:

1. मिशन शिवम सिंह: नर्सिंहपुर, लाला गंज, आजमगढ़ निवासी शिवम सिंह एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए, जिससे उनकी कई हड्डियाँ टूट गईं। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सिफारिश की है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

2. मिशन भोंदू: गड़चपा, चित्रकूट निवासी साहिल सुनीलभाई शर्मा लकवे से पीड़ित हैं। डॉक्टरों ने उनके इलाज के लिए 1 लाख रुपये का खर्च बताया है। उनका परिवार लोगों से मदद की अपील कर रहा है।

3. मिशन पवन मिश्रा: सुल्तानपुर निवासी पवन कुमार मिश्रा लिवर की गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। दिल्ली के वसंत कुंज स्थित अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी है, जिसके लिए 25 लाख रुपये की आवश्यकता है।

4. मिशन रेनू सिंह: बलिया की रेनू सिंह ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं और वाराणसी के बीएचयू मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज चल रहा है। उन्हें रेडियोथेरेपी की आवश्यकता है, जिसके लिए 3.5 लाख रुपये का खर्च अनुमानित है।

5. मिशन आदर्श प्रजापति: आजमगढ़ निवासी 13 वर्षीय आदर्श प्रजापति एक तेल की चक्की में काम करता था। दुर्भाग्यवश, एक दुर्घटना में उसका दाहिना हाथ कंधे से अलग हो गया और बायाँ हाथ भी टूट गया। वाराणसी के सूर्यांश ऑर्थोपेडिक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है, जिसमें 1 से 1.5 लाख रुपये का खर्च संभावित है।

6. मिशन रेहान: जौनपुर के 6 वर्षीय रेहान के हृदय के वाल्व में रिसाव हो रहा है, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उसका इलाज जारी है, जिसके लिए लगभग 7 लाख रुपये की आवश्यकता है।

7. मिशन सुधांशु तिवारी: चाकघाट, रीवा के 19 वर्षीय सुधांशु तिवारी एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए और कोमा में चले गए। प्रयागराज के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, जिसके लिए 9 से 10 लाख रुपये की जरूरत है।

 

समाज सेवा में वानर सेना की महत्वपूर्ण भूमिका

वानर सेना के सदस्य निस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की सहायता कर रहे हैं और सोशल मीडिया का उपयोग कर सहायता अभियानों को व्यापक स्तर पर चला रहे हैं। यह संगठन पूरी तरह पारदर्शिता के साथ काम करता है और जरूरतमंदों तक सीधे सहायता पहुँचाने का कार्य करता है।

संगठन की समर्पित टीम समाज सेवा में निरंतर सक्रिय है, जिससे लोगों का विश्वास और सहयोग बढ़ता जा रहा है। उनकी इस निस्वार्थ सेवा भावना ने समाज में एक नई चेतना जागृत की है।

देवदूत वानर सेना के सभी सदस्य पूरी ऊर्जा और समर्पण के साथ समाज में बदलाव लाने के लिए कार्यरत हैं। यह एक ऐसी प्रेरणादायक पहल है, जिससे हर कोई जुड़कर किसी न किसी रूप में मानवता की सेवा कर सकता है। आइए, इस नेक कार्य में हम सब अपना योगदान दें और समाज में बदलाव की इस लहर का हिस्सा बनें।

जिंदाबाद देवदूतों! जिंदाबाद भारतीय समाज!

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