हेमटेक्सटाइल-2025 में सीईपीसी ने भी लिया भाग 

पहली बार निर्यातक मेले में प्रतिभाग कर हुए बहुत खूश, परिषद के प्रयासों की सराहना की  हेमटेक्स्टिल में भारत के कालीन और गलीचे क्षेत्र से लगभग 100 प्रदर्शक हुए थें शामिल 

 

रिपोर्ट अशरफ संजरी

भदोही। हेमटेक्सटाइल-2025 फ्रैंकफर्ट जर्मनी में सीईपीसी ने भी भाग लिया। जो काफी सफल रहा। सभी प्रतिभागी हेमटेक्सटाइल में भाग लेने से बहुत खुश हैं और इस आयोजन से परिषद के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं। 14-17 जनवरी को होम और टेक्सटाइल के लिए दुनिया के अग्रणी व्यापार मेले हेमटेक्सटाइल-2025 का आयोजन किया गया था।

इस मेले में भारत के कपड़ा उद्योग से 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिनमें कालीन और गलीचे क्षेत्र से लगभग 100 प्रदर्शक शामिल थे। भदोही, पानीपत और जयपुर जैसे प्रमुख केंद्रों का अच्छा प्रतिनिधित्व था। जो वैश्विक हस्तनिर्मित कालीन बाजार में भारत की मजबूत पकड़ को दर्शाता है। हेमटेक्सटाइल में भारतीय पवेलियन का उद्घाटन गिरिराज सिंह वस्त्र मंत्री भारत सरकार, रोहित कंसल, अपर सचिव, वस्त्र मंत्रालय और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में भारत के महावाणिज्यदूत बीएस मुबारक की उपस्थिति में किया गया। विशिष्ट उपस्तिथि कुलदीप राज वाटल अध्यक्ष, सीईपीसी, संजय गुप्ता, शौकत खां, रोहित गुप्ता प्रसासनिक समिति के सदस्य सीईपीसी और कार्यकारी निदेशक (कार्यवाहक) डॉ. स्मिता नागकोटी शामिल थी। भारत टेक्स 2025 द्वारा आयोजित रात्रिभोज में अपने संबोधन में माननीय वस्त्र मंत्री ने कहा कि दुनिया अब अपनी वस्त्र आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने वैश्विक वस्त्र उद्योग में भारत की बढ़ती प्रमुखता पर जोर दिया। उत्कृष्टता और नवाचार के लिए एक मंच हेमटेक्सटाइल भारत के हस्तनिर्मित कालीनों और गलीचों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है। जिसमें सभी वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद देश की समृद्ध वस्त्र विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एकजुट होते हैं। भारत की बेजोड़ शिल्पकला को दर्शाते कालीन और गलीचे हॉल 3.0 और हॉल 5.0 में प्रमुखता से प्रदर्शित किए गए। सीईपीसी ने हॉल 3.0 में 46 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। जिन्होंने हस्तनिर्मित कालीनों और गलीचों का एक उत्कृष्ट संग्रह प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त, प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले अन्य प्रदर्शकों ने जीवंत प्रदर्शन को और समृद्ध किया। इस मेले में 65 देशों के 3,000 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया।

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