Jagdambika Pal came to politics in Karnataka : DK Shivakumar
Jagdambika Pal came to politics in Karnataka : DK Shivakumar
बेंगलुरु:। कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने वक्फ संशोधन समिति पर बनी संयुक्त संसदीय समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल के कर्नाटक दौरे को राजनीतिक ड्रामा बताया है। उन्होंने कहा कि जगदंबिका पाल यहां राजनीति करने आए हैं।उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भूमि का विषय राज्य सरकार के अंतर्गत आता है और किसानों की जमीन के साथ छेड़खानी का मामला भाजपा के शासनकाल से चला आ रहा है। अब हमारी सरकार पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। हम उन सभी अधिकारियों को चिन्हित कर रहे हैं, जिन्होंने इसमें लापरवाही बरती है। हम ऐसे सभी अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। लेकिन, मौजूदा समय में जिस तरह से इसे लेकर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।उन्होंने कहा, “हमारी सरकार किसानों के पास मौजूदा दस्तावेजों में किसी भी प्रकार का फेरबदल नहीं करेगी। यह राज्य का सरकार का विषय है। लेकिन, जगदंबिका पाल इस मामले में हस्तक्षेप कर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। वो यहां पर राजनीतिक फायदे के लिए आए हैं।”
पूर्व सीएम बासवराज बोम्मई ने कहा, “निश्चित तौर पर यह सत्ता के दुरुपयोग का मामला है। इससे किसानों की जमीन को वक्फ की संपत्ति में तब्दील कर दिया गया है, इससे किसानों की जमीन पर कुठाराघात हुआ है। मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि वक्फ के अधिकार तय हैं। लेकिन, मौजूदा सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग किसानों के खिलाफ किया है।”
कल्याण बनर्जी ने कहा, “संसदीय समिति के विपक्षी सदस्य 9 नवंबर को होने वाली बैठक का बहिष्कार करेंगे।”
बता दें कि जगदंबिका पाल ने कर्नाटक दौरे के दौरान उन किसानों के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की थी, जिनकी जमीन पर वक्फ ने दावा ठोका है। किसानों ने पाल से कहा कि वो जमीन उनकी है, इसके बावजूद वक्फ बोर्ड उनकी जमीन पर अपना दावा ठोक रहा है।भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने इसी संबंध में जगदंबिका पाल को ज्ञापन सौंपा। वहीं, पाल ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी।बता दें कि बीते दिनों भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने जगदंबिका पाल को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने पाल से संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में किसानों को भी शामिल करने की अपील की थी, जिनकी जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोका है।इसके अलावा, वक्फ बोर्ड पर कई ऐतिहासिक इमारतों पर भी अपना दावा ठोकने का आरोप लगा है। लेकिन, एएसआई ने स्पष्ट कर दिया है कि इन ऐतिहासिक इमारतों का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड के पास नहीं है।