मध्य प्रदेश में खाद पर सियासी संग्राम; कृषि मंत्री ने कहा, ‘राज्य में मौजूद है पर्याप्त खाद स्टॉक’

Political battle over fertilizer in Madhya Pradesh; The Agriculture Minister said, 'There is sufficient stock of fertilizer in the state

 

भोपाल:। मध्य प्रदेश में रबी की फसलों की बोवनी का काम चल रहा है। किसानों के लिए इस समय खाद की जरूरत है। किसानों को जहां खाद की जरूरत है वहीं राजनीतिक दलों के लिए यह सियासी मुद्दा बन गया है। कांग्रेस लगातार राज्य सरकार पर किसानों को पर्याप्त खाद न उपलब्ध कराने का आरोप लग रही है, तो वहीं सरकार का दावा है कि बीते साल से ज्यादा खाद की उपलब्धता है।

राज्य में रबी फसलों की बोवनी का दौर चल रहा है। एक अक्टूबर से यह काम शुरू हुआ और 30 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान किसानों को खाद की जरूरत है। राज्य के कुछ स्थानों से खाद के लिए किसानों की लंबी-लंबी कतारें लगी होने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। तो वही किसानों को आसानी से खाद उपलब्ध न होने के भी मामले सामने आ रहे हैं।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि डीएपी खाद के वितरण में पक्षपात स्वीकार नहीं किया जा सकता। कृपया गुना के कलेक्टर पता लगाएं कि पिछले एक सप्ताह में कौन से किसान हैं जिन्हें निर्धारित मात्रा से अधिक खाद दिया गया है। किसानों को प्रशासन द्वारा शिकायत करने पर 151 में बंद करने की धमकी दी जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह किसानों की खाद संबंधी समस्या को लेकर 26 अक्टूबर को कलेक्टर से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा है कि वह कलेक्टर से मुलाकात के बाद गुना, आरोन, राघौगढ़, चाचौड़ा, मधुसूदनगढ़ खाद वितरण केंद्र व मंडियों में जाएंगे। सोयाबीन के समर्थन मूल्य में इजाफा किए जाने की मांग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा सोयाबीन की फसल के दाम 6,000 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन 4,892 रुपए प्रति क्विंटल में शासकीय खरीद का वादा किया था। शासकीय खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई, किसान को खाद बीज खरीद कर बोवनी करना है। दीवाली आ रही है, मजबूरी में उसे सोयाबीन 3500-4000 रुपए प्रति क्विंटल में बेचना पड़ रहा है।

वहीं दूसरी ओर राज्य के कृषि कल्याण मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने कहा है कि किसानों को खाद के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार के पास पर्याप्त खाद उपलब्ध है। केंद्र सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा महीने वार और कंपनी वार उर्वरक का आवंटन जारी किया जाता है और यह उर्वरक राज्य को मिल रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि अक्टूबर 2023 में यूरिया का विक्रय 4.67 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जबकि अक्टूबर 2024 में 8.53 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है। इसमें से 2.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ है और 6.13 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में उपलब्ध है। विगत वर्ष एक अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक डीएपी एवं एनपीके 10.36 लाख मीट्रिक टन का विक्रय हुआ था। केंद्र सरकार द्वारा रबी 2024-25 के लिये 14 लाख मीट्रिक टन का आवंटन प्रदान किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह अक्टूबर 2023 में डीएपी एवं एनपीके का विक्रय 4.37 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जबकि अक्टूबर 2024 में 5.58 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है। इसमें से 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं एनपीके का विक्रय हुआ है और 3.36 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में उपलब्ध है। प्रदेश में यूरिया एवं डीएपी, एनपीके की रैक निरंतर प्राप्त हो रही है। जिलों की मांग अनुसार रैक उपलब्ध कराई जा रही है।

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