गुरुवार से शनिवार तक विशिष्ट अनुष्ठान और आराधना में लीन रहेंगे सीएम योगी

CM Yogi will be engrossed in special rituals and worship from Thursday to Saturday

 

गोरखपुर:। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार से अनवरत तीन दिन अनुष्ठान और आराधना में लीन रहेंगे। अष्टमी (गुरुवार) की शाम वह गोरक्षपीठ के पारंपरिक निशा पूजा में सम्मिलित होंगे, जबकि शुक्रवार को नवमी तिथि पर उनके द्वारा कन्या पूजन का अनुष्ठान किया जाएगा।

नवरात्रि की पूर्णता के बाद दशहरे के दिन गुरु गोरक्षनाथ की विशिष्ट पूजा कर गोरक्षपीठाधीश्वर, गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली विजयादशमी शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे।

शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा को गोरक्षपीठाधीश्वर ने गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना की थी। इसके बाद के नियमित नवरात्रि पूजन के अनुष्ठान उनके प्रतिनिधि के रूप में गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ द्वारा किए जा रहे हैं।

अष्टमी की तिथि के मान से लेकर विजयादशमी तक गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ स्वयं आराधना और आनुष्ठानिक कार्यक्रमों के लिए उपस्थित रहेंगे। गोरक्षपीठाधीश्वर गुरुवार को नवरात्रि की अष्टमी तिथि में विधि विधान से महानिशा पूजन और हवन कर लोक मंगल की प्रार्थना करेंगे।

गोरक्षपीठ में शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजे से मातृशक्ति के प्रति श्रद्धा और सम्मान के प्रतीक के रूप में कन्या पूजन का अनुष्ठान होगा। सीएम योगी कन्या पूजन कर मातृशक्ति के प्रति गोरक्षपीठ की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। गोरक्षपीठाधीश्वर नौ दुर्गा स्वरूपा नौ कुंवारी कन्याओं के पांव पखारेंगे, उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत का तिलक लगाकर विधि विधान से पूजन करेंगे। पूरी श्रद्धा से भोजन कराकर दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद भी लेंगे।

इस दौरान परंपरा के अनुसार बटुक पूजन भी किया जाएगा। जबकि, शनिवार (12 अक्टूबर) को गुरु गोरक्षनाथ के विशिष्ट पूजन व गोरक्षपीठाधीश्वर के तिलकोत्सव के बाद सायंकाल विजयादशमी की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।

दशहरे के दिन गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली विजयादशमी शोभायात्रा गोरखपुर के उत्सवी परंपरा का खास आकर्षण है। इस शोभायात्रा में सामाजिक समरसता की एक बड़ी नजीर देखने को मिलती है। इस शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग तो शामिल होते ही हैं, इसका अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम व बुनकर समाज) के लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है।

तीन पीढ़ियों से विजयादशमी शोभायात्रा का स्वागत करने वाले उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के निवर्तमान चेयरमैन चौधरी कैफुलवरा बताते हैं कि दशहरे के दिन गोरखनाथ मंदिर की विजयादशमी शोभायात्रा का इंतजार तो पूरे शहर को होता है। लेकिन, सबसे अधिक उत्साह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में दिखता है।

कैफुलवरा कहते हैं कि मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूर पर हम लोग घंटों पहले फूलमाला लेकर गोरक्षपीठाधीश्वर के स्वागत के लिए खड़े रहते हैं। इस बार भी शोभायात्रा का भव्य स्वागत करने की तैयारी की जा रही है। वास्तव में गोरक्षपीठाधीश्वर का काफिला जब अल्पसंख्यक समुदाय की तरफ से होने वाले स्वागत के लिए रुकता है तो सामाजिक समरसता की तस्वीर विहंगम होती है।

गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयादशमी के दिन शनिवार सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। पीठाधीश्वर गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन में सवार होंगे। तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे।

इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। यही नहीं विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे। विजयादशमी के दिन शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा, जिसमें अमीर-गरीब और जाति-मजहब के विभेद से परे बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल होते हैं।

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