तीन फंदे बनाए…पहले बेटी को मारा, 1 घंटे बाद भतीजी को लटकाया, तीसरा अपने गले में डाला; मगर बच गई सनकी मां

Made three nooses... first killed daughter, hanged niece after 1 hour, put the third noose around her own neck; but the crazy mother survived

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गोरखनाथ इलाके के पार्वतीपुरम में दो बच्चियों की हत्या की आरोपी बिंदू पर इस कदर सनक सवार था कि उसने मासूम बच्चियों को फंदे से लटकाकर मार डाला। मौके पर पहुंची पुलिस को परिजनों से पता चला कि बिंदू ने साड़ी से तीन फंदे बनाए। दो पर बच्चियों को एक घंटे के अंतराल में लटकाकर मार डाला। तीसरे फंदे पर खुद लटकने की कोशिश की, लेकिन बच गई।

देवर खुशवन ने बताया कि भाभी ने सबसे पहले एक फंदे पर लटकाकर अपनी बेटी नैना को मार डाला। इसके एक घंटे बाद चक्सा हुसैन स्थित घर से उनकी बेटी शीतल को लाकर फंदे से लटका दिया। खुद फंदे पर लटकी पर वह टूट गया। इसके बाद ट्रेन के आगे कूदकर जान देने की कोशिश की
घर में शटर के ऊपर लगे लोहे के रॉड पर तीन फंदे बांधे गए थे, वहां कैंची भी रखी थी। पुलिस खुशवन के बयान को नोट करने के साथ ही अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है। एसपी सिटी अभिनव त्यागी का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा। बड़े भाई रवि हैदराबाद में रहते हैं। सूचना मिलने पर वह भी गोरखपुर रवाना हो गए हैं। पिता शिव प्रसाद और खुशवन शहर के नामी प्लंबर हैं। काफी समय से यही काम कर रहे हैं।
खुशवन ने बताया कि पिता शिव प्रसाद बहन नेहा के साथ चक्सा हुसैन में रहते हैं। जबकि बड़े भाई रवि और उनका परिवार आठ साल पहले बने पार्वतीपुरम स्थित दो मंजिला घर में अलग-अलग रहते हैं। नीचे बड़े भाई और ऊपर छोटे भाई का परिवार रहता है। खुशवन ने बताया कि बुधवार सुबह नौ बजे शीतल को लेकर घर से काम पर निकले। रास्ते में चक्सा हुसैन वाले घर पर बहन नेहा के पास शीतल को छोड़ दिया। शीतल रोजाना वहीं पर खेलती है। दिन में पत्नी सरिता जाकर उसे घर लाती है।
छत पर सोई थी शीतल की मां, नहीं जान पाई
खुशवन ने बताया कि सुबह नौ बजे भाभी बिंदू ने बेटी नैना को पहले आमलेट खिलाया था, इसके बाद घटना को अंजाम दिया। इसके बाद वह चक्सा हुसैन स्थित घर गई। वहां पिता और बहन सफाई कर रहे थे। इसलिए बेटी शीतल को पत्नी सरिता के पास पहुंचाने के लिए भाभी बिंदू के साथ भेज दिए। भाभी ने घर आकर शीतल को भी मार दिया। उस समय उनकी पत्नी सरिता दूसरी मंजिल पर थी, लेकिन भाभी के कमरे में कूलर चलने की वजह से कुछ भी सुनाई नहीं दिया।

ऊपर से बाहर निकलने के दो रास्ते हैं। एक भाभी के कमरे से होकर और दूसरा सड़क की तरफ से है। हमलोग सड़क वाली सीढ़ी का इस्तेमाल करते हैं। दिन के समय भाभी डेली शटर में ताला लगाकर निकल जाती है। नैना के स्कूल की छुट्टी के समय वह घर आती थी।
शहर में खोज रहे थे, घर पर मिला बेटी का शव
शिवप्रसाद ने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे सूचना मिली कि बहू बिंदू नकहा क्रॉसिंग पर ट्रेन से टकरा कर घायल हो गई है। हमलोग उसे घायल अवस्था में लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहां पर सिर और अन्य जगहों पर चोट लगने की वजह से वह अचेत थी। हम लोग सोच रहे थे कि बहू होश में आएगी तो बच्चियों के बारे में पूछा जाएगा।

देर होने लगी तो हम लोग खोजने निकले। सरिता और खुशवन रेलवे स्टेशन की तरफ गए। दोनों कहीं नहीं मिलीं। तीन घंटे बाद अपराह्न तीन बजे हमलोग पार्वतीपुरम स्थित घर गए। वहां शटर का ताला तोड़ा गया। अंदर जाकर देखा तो बेड पर मच्छर दानी लगी थी। अंदर नैना और शीतल बेड पर लेटी पड़ी थी। उनके गले में साड़ी का फंदा बंधा था।
*तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत या फिर कोई और वजह तो नहीं?*

पुलिस का कहना है कि बिंदू मानसिक रोगी है। उसने तीन पर बार खुदकुशी का प्रयास किया था। जबकि परिजन का कहना है कि बिंदू ने कभी ऐसा कुछ नहीं किया कि उसे पागल माना जाए। वह पागलों की तरह हरकत करके पागल बनने का नाटक करती थी। वहीं आस-पास जुटे लोगों का कहना है कि कहीं बिंदू तंत्र मंत्र और भूत प्रेत के चक्कर में तो नहीं पड़ गई थी।

तांत्रिकों के चक्कर में पड़कर इस घटना को अंजाम देने की भी चर्चा होती रही। वहीं पुलिस भी हर पहलू पर जांच कर रही है। डॉक्टरों के अनुसार बिंदू की हालत गंभीर है। होश में आने पर काफी कुछ स्पष्ट हो सकता है। पुलिस उसके होश में आने का इंतजार कर रही है।
पहली बार ऐसी घटना कॉलोनी में हुई है। हर कोई हतप्रभ है, आखिर कोई मासूम बच्चियों को इस तरह कैसे मार सकता है। घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं।

संवाददाता दीपक भारती

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