तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद : जगद्गुरु शंकराचार्य ने विधर्मियों की साजिश का लगाया आरोप
Tirupati temple prasad dispute: Jagadguru Shankaracharya alleges conspiracy of heretics
अयोध्या:। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद मामले में कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह मामला जांच का विषय है और तुरंत जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधर्मियों की एक पुरानी रणनीति है, जिसमें हिंदुओं को अपवित्र करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुझे जो लगता है, वह यह है कि पुराने समय से विधर्मियों द्वारा इस तरह की टैक्टिस की जाती रही है कि हिंदुओं को पहले अभक्ष्य भक्षण करा दो और फिर कहो कि तुम्हारी पवित्रता समाप्त हो गई। इसके बाद कहा जाता है कि अब तुम हमारे धर्म में आ जाओ।
उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि वहां से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, वहां का प्रसाद करोड़ों लोगों के मुख में रोज़ जाता है। मुझे लगता है कि इस प्रयास से उनकी आस्था को कमजोर करने का कुचक्र रचा जा रहा है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भी तिरुपति का प्रसाद खाया है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे ब्रह्मचारी रसोई में जो बनाते हैं, हम वही खाते हैं। हम प्रसाद को माथे से लगाते हैं, लेकिन खाते नहीं हैं। क्योंकि, हमें नहीं पता कि किसने और कैसे बनाया है और इसमें किस वस्तु का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि तिरुपति का प्रसाद भी लोग लाते हैं, हमें देते हैं तो हम माथे लगा लेते हैं। हमने कभी खाया नहीं।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस मामले में दोषियों के लिए दंड के बारे में बात करते हुए कहा कि इस तरह के अपराधियों को कड़ा दंड मिलना चाहिए। सरेआम फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। हमारी पवित्रता के साथ खिलवाड़ करने वाले को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पवित्रता ही हमारी अस्मिता है, पवित्रता के सिवाय हमारे पास क्या है? तो, उस पवित्रता को खंडित करने के लिए आप इस तरह का षड्यंत्र करते हैं। जिसने भी यह किया है, जल्दी से वह सामने आए और हम उसे कड़ा दंड देना चाहेंगे।
वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि बिल में संशोधन होना चाहिए और हम इसे सरकार और मुस्लिम समुदाय दोनों से कह रहे हैं। गोचर भूमि की कमी और सड़क पर घूमती गायों का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने वक्फ बोर्ड से अनुरोध किया कि वह अपनी जमीन गायों के लिए दें। हमारी गाय सड़क पर घूम रही है, जब गाय दूध देती है तो यह नहीं देखती कि हम हिंदू को दूध दे रहे हैं या मुसलमान को। आपके पास बहुत सारी ज़मीन है और हमारी गाय सड़क पर घूम रही है। आपका भी हम अभिनंदन करेंगे और हमारी गाय भी आपको आशीर्वाद देगी।