आमला कोर्ट का फैसला, हत्या के बाद आत्महत्या का झूठा प्रयास, दहेज की मांग ने ली जान
Amla court verdict, false attempt to commit suicide after murder, demand for dowry took life
मध्य प्रदेश बैतूल से शेख इकबाल की खास रिपोर्ट
बैतूल। आमला के अपर सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में पुलिस कर्मी सन्नी शीलू को पत्नी की हत्या करने और उसे आत्महत्या के रूप में पेश करने के अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सन्नी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 5,000 रुपये जुर्माना, जबकि धारा 2001 के तहत 7 साल की सजा और 2,000 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
हत्या की दिल दहला देने वाली घटना
घटना 10 अप्रैल 2020 की है, जब सन्नी शीलू की पत्नी पूनम स्टाफ क्वार्टर में फांसी पर लटकी पाई गई थी। सन्नी ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी पत्नी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पूनम की मौत के बाद उसे फांसी पर लटकाया गया था, जिससे सन्नी का झूठ बेनकाब हो गया।
दहेज की मांग ने ली जान
जांच में पता चला कि सन्नी अपनी पत्नी पर मायके से 2 लाख रुपये लाने का दबाव बना रहा था ताकि वह थ्रेसर खरीद सके। पूनम और सन्नी की शादी 2017 में हुई थी और उनकी एक बेटी भी है। दहेज की इस मांग ने अंततः पूनम की जान ले ली।
अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें
अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता जगदीश परते ने सन्नी के खिलाफ मजबूत केस तैयार किया, जबकि बचाव पक्ष के वकील राजेंद्र उपाध्याय ने सन्नी का बचाव किया। अदालत ने कहा कि सन्नी, जो एक पुलिस कर्मी था और जिसका काम लोगों की रक्षा करना था, उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और अपनी बेटी की भविष्य की परवाह नहीं की। इस प्रकार का कृत्य समाज में महिलाओं के बीच भय उत्पन्न करता है।
अदालत का कड़ा संदेश
अदालत ने अपने फैसले में सन्नी को दोषी करार देते हुए कहा कि ऐसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है। यह निर्णय समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। बचाव पक्ष ने उच्च न्यायालय में अपील करने की योजना बनाई है।