ग्रामीण अंचल में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने की सार्थक पहल

Meaningful initiatives to promote the importance of education in rural areas

बैतुल तहसील आठनेर से रिपोर्टर अर्पण चिठोरे

बैतूल। जन शिक्षा केन्द्र भडूस शासकीय एकिकृत माध्यमिक शाला चिचढाना में सोमवार 1 जुलाई को विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर शाला में पदस्थ शिक्षिका सुश्री दीपा सरले ने अपने पिता जी.पी.सरले के 68वें जन्मदिवस के अवसर पर पौधारोपण किया और 45 छात्राओं को जूते-मौजे वितरित किए। गौरतलब है चिचढाना, बैतूल विकास खण्ड के अंतिम छोर पर स्थित है, भौगोलिक परिवेश जंगली, पहाड़ी और दूरस्थ है, जहाँ के निवासी खेती और ग्रामीण कार्यों में संलग्न रहते हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण अंचल में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देना और छात्राओं की शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करना था। चिचढाना के कई छात्र-छात्राएं गरीब और अशिक्षित परिवारों से आते हैं, जो शिक्षा के महत्व को पूरी तरह समझ नहीं पाते और संसाधनों के अभाव में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर मजदूरी करने अन्य जिलों में चले जाते हैं।
शाला के शिक्षकों ने छात्रों की कठिनाइयों को समझते हुए अपनी आय से कुछ राशि खर्च कर उनकी सहायता करने का निर्णय लिया। इसके तहत शिक्षकों ने समाज के बुध्दिजीवी वर्ग को भी इस कार्य में प्रेरित किया। कार्यक्रम में सुश्री दीपा सरले के साथ उनके परिवार के सदस्य सुनिल सरले, मिथलेश सरले, श्रीमती सुहानी सरले, श्रीमती स्नेहा सरले, श्रीमती विनिता सरले, सुश्री राखी सरले ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।    पौधारोपण और जूते-मौजे वितरण कार्यक्रम में विकास खण्ड बैतूल के बीआरसी एनएल आठोले, बीएसी नरेन्द्र पठाडे, बीएसी बिहारीलाल उईके, प्रधानपाठक विजय कुमार तेलकर, वरिष्ठ शिक्षक सतीश गीद, शिक्षक दिनेश मर्सकोले, प्रधानपाठक धनवंतराव दरवाई, प्रधानपाठक नंदकिशोर पवार और सीएसी काशीनाथ लोखंडे सहित एसएमसी अध्यक्ष मंगलसिंग उईके भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन सतीश गीद ने किया। शिक्षक संजय धुर्वे के अनुसार इस पहल से ग्रामीण अंचल में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी और छात्रों को शिक्षा प्राप्ति में आने वाली कठिनाइयों को कम करने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम की सराहना करते हुए ग्रामीणों ने इसे एक प्रेरणादायक कदम बताया।

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