वफा का वह दौर अलग,आज तो लोग अंगुली काटने का करते हैं प्रयास: वसुंधरा राजे

Wafa ka vah door alag, aaj to log anguli katne ka karte hain prayas: Vasundhara Raje

उदयपुर, 23 जून : राजस्थान के उदयपुर पहुंचीं पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने एक ऐसा बयान दे दिया, जिसकी सियासी गलियारों में चर्चा तेज है।

 

 

सुंदर सिंह भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित विशिष्ट जन सम्मान समारोह और व्याख्यान माला कार्यक्रम को वसुंधरा राजे संबोधित कर रही थी। उस दौरान उन्होंने कहा कि सुंदर सिंह भंडारी ने चुन-चुनकर लोगों को भाजपा से जोड़ा। सुंदर सिंह भंडारी ने एक पौधे को वृक्ष बनाया । उन्होंने संगठन को मजबूत करने का काम किया। कार्यकर्ताओं को ऊंचा उठाने का काम किया।

 

 

 

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि भंडारी जी ने राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत सहित कितने ही नेताओं को आगे बढ़ाया, लेकिन वफा का वह दौर अलग था। तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे, लेकिन आज तो लोग उसी अंगुली को पहले काटने का प्रयास करते हैं, जिसको पकड़ कर वह चलना सीखते हैं।

 

 

 

 

 

 

अब वसुंधरा राजे के इस बयान के बाद तमाम तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा है कि राजस्थान विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से वसुंधरा राजे और पार्टी नेतृत्व के बीच तल्खी देखने को मिली थी, उसकी गांठें खुलने लगी हैं। चुनाव के दौरान मन में जो कसक थी, वो अब धीरे-धीरे बयानों के जरिये सामने आ रही है।

 

 

 

 

 

 

 

कार्यक्रम में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद रहे। राजे ने कहा कि गुलाबचंद कटारिया ने चुन-चुनकर लोगों को भाजपा से जोड़ा है। कटारिया अब असम के महामहिम हैं, लेकिन वह दूर रहकर भी हम लोगों के पास है और ख्याल रखते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

दरअसल राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट को लेकर वसुंधरा राजे और गुलाबचंद कटारिया के बीच भी तल्खी की खबरें सामने आयी थी। इसके अलावा चुनावी नतीजों के बाद पार्टी आलाकमान ने राजे को नजरअंदाज करके भजनलाल शर्मा को राज्य के सीएम की कुर्सी सौंप दी थी। ऐसे में दबे स्वर में ही सही भाजपा शीर्ष नेतृत्व और वसुंधरा राजे के बीच मनमुटाव की खबरें गाहे-बगाहे सुर्खियां बनती रही हैं।

 

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