विवाह के बाद हुई मां जानकी की विदाई, धीरज कृष्ण जी महाराज
रिपोर्ट विनय मिश्रा
देवरिया
श्री राम कथा के छठवें दिन सीता जी के विदाई की कथा का रसास्वादन करते हुए धीरज कृष्ण महाराज जी ने कहा कि दुनिया में सबसे कठिन स्थिति बेटी की विदा करते समय होता है माता-पिता बेटी को जन्म से बीस वर्ष तक पालन पोषण करके और बेटी का कन्यादान करते हैं। लेकिन जब बेटी घर से विदा होने लगती है तो मां तो मां है पिता का भी कलेजा फट जाता है ।आज महाराज जनक के वहां से उनकी लाडली बेटी सीता की विदाई हो रही है। जनक जैसे विदेश कहे जाने वाले महाराज जनक भी फूट-फूट कर रोने लगे ।गोस्वामी तुलसीदास से लिखते हैं सियहि बिलोकि धीरता भागी, रहे कहावत परम विरागी। अपनी बेटी को विदा करते समय राजा जनक जी भी अधीर हो गए। कथा के मुख्य यजमान नागेंद्र मिश्र, अरविंद त्रिपाठी, प्रह्लाद जयसवाल, रामकेश्वर जायसवाल, राजेश जायसवाल, योगेंद्र चौरसिया रहे। कथा के दौरान धीरेंद्र तिवारी ,अष्टभुजा तिवारी, मोहन प्यारे सोनी ,गिरिजा देवी ,हरिशंकर पांडे ,सविता पांडे, डॉक्टर किरण पाठक, रामेश्वर यादव ,रमेश तिवारी अनजान, अंचल पाठक, उर्मिला मिश्रा, सुजीत पांडे , राघवेंद्र शुक्ला, मुन्ना रावत, अरविंद रावत, शशि कला शर्मा ,पूजा दुबे, पदमा दीक्षित, शकुंतला मिश्रा, अनमोल मिश्रा, अनुपम , आकांक्षा सहित अन्य श्रद्धालु गण काफी संख्या में उपस्थित है आश्रम पीठा धीरश्वर आंजनेय दास जी महाराज ने ने कथा श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद दिया ।