Burhanpur news:पूरे भारत में संघ के नाम से कुछ नहीं’:बुरहानपुर में डॉ. मोहन भागवत बोले- नागपुर कार्यालय भी संघ के नाम पर नहीं
रिपोर्ट:रुपेश वर्मा
‘पूरे भारत में संघ के नाम से कुछ नहीं’:बुरहानपुर में डॉ. मोहन भागवत बोले- नागपुर कार्यालय भी संघ के नाम पर नहीं,पूरे भारत में संघ के नाम से कुछ नहीं है। संघ का कुछ नहीं है। कोई प्रॉपर्टी नहीं है। सबके लिए अलग-अलग न्यास है। संघ के नाम पर कुछ नहीं है। संघ का जो कार्यालय नागपुर में है जिसे प्रधान कार्यालय कहते हैं, वह डॉ. हेडगेवार भवन भी संघ के नाम पर नहीं है। जो भी सर संघचालक होता है उसके नाम पर आ जाता है। बदलते रहता है। इसका मतलब मालकियत का भाव नहीं है। मेरी प्रॉपर्टी है ऐसा नहीं है। यह एक आत्मीयता के कारण हमसे जुड़ा है। कार्यालय बने इसके लिए कितने लोगों ने परिश्रम किया, धन दिया। अपने पन के चलते पुरुषार्थ किया, और यह कार्यालय यहां खड़ा हुआ। संघ तो पूरे समाज को अपना मानता है। श्रेष्ठ के कार्यकर्ता कहते हैं कि संघ एक दिन समाज का रूप हो जाएगा। हिन्दू समाज ही संघ बन जाएगा। हमें पूरे समाज का संगठन करना है समाज में अपना संगठन नहीं खड़ा करना है।यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बुरहानपुर के सरस्वती नगर में सोमवार को संघ के नवीन कार्यालय भवन समर्थ के लोकार्पण अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज का केंद्र है। सभी इसकी चिंता इसकी करेंगे। बार-बार भय का सामना होने से वह भय परिणाम शून्य हो जाता है। स्वयंसेवक किसी भय की प्रेरणा से काम नहीं करता। निर्भय बनो यह संघ कहता है।
संघ प्रमुख का उद्बोधन सुनने बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता पहुंचे।
संघ प्रमुख का उद्बोधन सुनने बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता पहुंचे।
अपनत्व के आधार पर चलता है संघ का काम
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि अपनत्व के आधार पर संघ का कार्य चलता है। अपनत्व का अनुभव कार्यालय में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को होना चाहिए। कार्यालय है तो नियम, अनुशासन रहे। बंधन प्रतीत हो ऐसा नहीं होना चाहिए। संघ का काम ईश्वरी काम है, क्योंकि समाज को उन्नत करना, जोड़ना संघ का काम है। कहीं बुराई दिखे तो गुस्सा, घृणा से ज्यादा करूणा आना चाहिए। अगर हमारे बस में है तो उसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए, और अगर नहीं हो सके तो उपेक्षा करना चाहिए।
संघ कार्यालय गए तो संघ कैसा है यह पता चले
उन्होंने कहा कि बड़ा कार्यालय बना तो काम भी होना चाहिए। संघ कार्यालय गए तो संघ कैसा है। स्वयंसेवक कैसे होते हैं, क्या करते हैं यह पता चले। अभी संघ बड़ा हो गया है इसलिए ऐसे कार्यालय हो गए हैं। यह नहीं था तब भी संघ था। कभी-कभी साधन प्राप्त होने से सुविधा तो हो जाती है, लेकिन अगर ध्यान नहीं दिया तो क्षमता कम हो जाती है। पुराने लोग पहले पहाड़ा याद करते थे, लेकिन आज का बालक मोबाइल निकालकर देखता है। मोबाइल की आदत से सिर में हिसाब करने की क्षमता कम हो गई है। पहले जब देश में बिजली नहीं थी तो बुजुर्गों को रात में ज्यादा दिखता था। लालटेन रहती थी। आज वही लोग हैं, लेकिन बिजली की आदत हो गई है। बिना टॉर्च लिए नहीं दिखता। कार्य के लिए सुविधा का पूरा उपयोग करना चाहिए, लेकिन सुविधा के लिए अपनी क्षमता कम नहीं होना चाहिए। सुविधा हमारी मालिक नहीं होना चाहिए। आदत नहीं रही पैदल जाने की तो फिर व्यक्ति छोटे अंतर पर भी गाड़ी लेकर जाता है। इस देश को बड़ा करने की जिम्मेदारी मेरी है।
हिन्दू मैजोरिटी में, इसलिए उनकी जिम्मेदारी अधिक
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दू इस देश के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि वह मैजोरिटी है। मैजोरिटी अच्छी होगी तो देश अच्छा बनेगा। उसे अच्छा रहना चाहिए। जितने देश दुनिया में बड़े बने तो उनके बड़े बनने और नीचे गिरने का कारण सामान्य समाज की गुणवत्ता और एकता में जितनी कमी आई तब नीचे गिरे। एक समय था जब जापान दुनिया का राजा था। बाद में जापान को एक समय अमेरिका के नियत्रंण में चलना पड़ा था। दुनिया के दो समाज शास्त्रियों ने अध्ययन किया। एक पुस्तक लिखी। बाद में जापान के गिरकर फिर उठने के 9 कारण उन्होंने बताए। पहला कारण वह बताते हैं कि जापान इसलिए बड़ा हुआ, क्योंकि जापान के लोग देश भक्त हैं। दूसरा वह कहते हैं कि जापान के लोग अपने स्वार्थ का विचार नहीं करते। तीसरी बात कहते हैं कि जापान के लोग अपने देश के लोगों को किसी भी प्रकार का त्याग, चौथी साहस, पांचवीं बात साथ चलने की कहते हैं। इसके बाद अन्य बातें उस पुस्तक में बताई गई। समाज का व्यक्ति को देश को आगे बढ़ाने में योगदान देता है। यह महत्वपूर्ण बात है। देश का काम ठेके पर देने से नहीं होता। पूरे समाज को संगठित होकर भेद और स्वार्थ भूलकर एक होना पड़ता है तब देश बड़ा होता है। पूरे 130 करोड़ का समाज संगठित हो।
सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बुरहानपुर के सरस्वती नगर में सोमवार को संघ के नवीन कार्यालय भवन समर्थ का लोकार्पण किया।
सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बुरहानपुर के सरस्वती नगर में सोमवार को संघ के नवीन कार्यालय भवन समर्थ का लोकार्पण किया।