आजमगढ़ में जनता ने बजाया ढोल तो नेताओं की खुली पोल,रोड नहीं तो वोट नहीं का लगाया बैनर चुनाव से पहले ही मतदान का किया बहिष्कार, जनता को मनाने में लगे नेता किसी के घर बेटी जा रही है तो प्रचार में किसी के घर जा रहा है बेटा
रिपोर्ट:रोशन लाल
बिलरियागंज/आजमगढ़ शहर में दूर व्यवस्थाओं को लेकर जनता में काफी आक्रोश है कुछ मोहल्लों में तो जनता ने जन समस्याओं को लेकर रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर पोस्टर सड़कों पर टांग रखा है। इस इस नारा से जहां नेताओं में हाहाकार मचा हुआ है वहीं जनता के बीच यह एक चर्चा का विषय भी बना हुआ है ।बुद्धिजीवी वर्ग इसे कड़वा सत्य बता रहे हैं तो पत्रकारों के सामने बोलने पर कुछ नेतागण अपना धूम दबा रहे हैं। आजमगढ़ शहर में कोट मोहल्ला चौराहे से दलाल घाट तक जाने वाली सड़क पिछले कई वर्षों से टूटी हुई पड़ी है मोहल्ले वासियों ने कई बार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से भी किया यहां तक कि सांसद महोदय से भी किया किंतु आज तक जनप्रतिनिधियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा और नहीं इनकी आंख की पट्टी खुली कि इस रोड को सही कर दिया जाए। जिससे इस मोहल्ले के लोग तंग आकर चुनाव की इस घड़ी में अपनी समस्याओं को पूरी कराने का एकमात्र तरीका अपनाया है ओ है चुनाव बहिष्कार का ? जिसके तहत यहां के लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर सड़क पर टांग रखा है ।इतना ही नहीं सीताराम मोहल्ले की स्थिति बद से भी बदतर है बनर्जी गली के सामने वाली गली से होकर सीताराम मोहल्ले में जाने वाली गली जो नारी शक्ति संस्थान ऑफिस से होते हुए तकिया पर निकलती है इस गली के दोनों तरफ की नालियां जाम होकर बजबजा रही हैं जिसमें गंदे पानी एकत्रित होकर सड़ रहे हैं इनकी सड़न से विषैले कीटाणु पैदा होकर भयंकर बीमारियों को दावत दे रहे हैं। इतना ही नहीं बरसात के मौसम में तो पूरा मोहल्ला पानियों से भर जाता है जल निकासी की उत्तम व्यवस्था न होने के कारण लोग गंदे पानी में हल कर आने जाने के लिए मजबूर होते हैं।यहां की जनता से वोट लेने के लिए तमाम जनप्रतिनिधि वोट तो ले लेते हैं लेकिन इनकी समस्या के निदान पर अपना मुंह बंद करके चुपचाप तमाशा देखते रहते हैं।जिसका जीता जागता सबूत है कि यहाँ की मजबूर जनता ने रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर रोड पर टांग रखा है।