शायर फरयाद आजर को किया याद

रिपोर्ट अशरफ संजरी

भदोही। नगर के गुलालतारा में शायर गौहर सिकन्दरपुरी के आवास पर बज़्मे अहले क़लम की जानिब से भदोही जिले के खमारियां निवासी मशहूर शायर फ़रयाद आज़र की याद में एक शानदार ताज़ियती अदबी शेरी नशिस्त का आयोजन किया गया। जिसकी सदारत कांग्रेस नेता मुशीर इक़बाल व‌निज़ामत रईस अंसारी ने किया। महफ़िल का आगाज़ रईस अंसारी ने नाते पाक से किया। उसके बाद शोअरा ने अपने कलाम सुनाएं।इस अवसर पर सारे मसले हल कर दूंगा, आज नहीं तो कल कर दूंगा को तौसीफ अंसारी ने पढ़कर सुनाया। जबकि गुलों के रंग में तू चांद में सितारों में, मेरे रफ़ीक़ तू ज़िंदा है हर नज़ारो में को आलम भदोहवी द्वारा सुनाया गया। ख़ुदा के वास्ते तुम लौटकर चले आओ,बुला रहे है तुम्हें शेर व शायरी वाले कलाम को रईस अंसारी ने सुनाया। पहनकर रेशमी कपड़े अदाकारी नहीं करते, हम अपनी मुफलिसी के साथ ग़द्दारी नहीं करते को शायर क़ैसर जौनपुरी ने पढ़ा। मुझसे उम्मीद मत रखना बहुत मसरूफ हूं मैं, काम यादों के अलावा भी हुआ करता है को गौहर सिकन्दरपुरी द्वारा सूनाया गया। अख़लाक़ में वफ़ा में मुरव्वत में फर्द था, सीने में उसके हर कसो नाकिस का दर्द था, दिल मे हुज़ूमे ग़म था लबों पर खुशी के गीत, हक़ मग़फ़िरत करे अजब आज़ाद मर्द था को साबिर जौहरी ने सुनाया। जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुशीर इक़बाल और हाजी अमज़द रसूल अंसारी ने उनकी शेरो शायरी और अदबी ख़िदमत पर रोशनी डाली।

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