भागवत कथा की अंतिम दिन सुदामा चरित्र की कथा,

रिपोर्ट विनय मिश्रा

देवरिया।बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत अमाव गांव में चल रहे भागवत कथा के विश्राम दिवस पर धनंजय कृष्ण शास्त्री ने भागवत कथा के अंतर्गत सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण और सुदामा बाल सखा थे। गुरु सांदीपनी के आश्रम में रहकर शिक्षा का अध्ययन किया और अपने मित्र के हिस्से का चना चोरी कर खा गए। जिसका परिणाम यह हुआ किआगे चलकर गरीब हो गए। गरीबी के चलते घर में कुछ नहीं बचा। पत्नी के कहने पर सुदामा भगवान कृष्ण से मिले और फिर सुदामा पर भगवान कृष्ण की कृपा हो गई । सुदामा के पास भगवान को भोग लगाने के लिए अंन तक नहीं था वही भगवान की कृपा से सुदामा के दरवाजे पर हाथी घोड़े रथ सारथी सुंदर महल सब कुछ हो गया। कथा के मुख्य अजमल पारस मिश्र, ध्रुव नारायण मिश्र एवं श्रीमती कुंती देवी रही। कथा के दौरान उमेश चंद मिश्रा, नामदेव मिश्र, दिनेश चंद मिश्रा ,महेश्वर मिश्र, रघुपति मिश्रा, विश्वामित्र मिश्र, अंकित मिश्रा, अंकुर ,शिवम, शशांक, अक्षत, सत्यम एवं अन्य श्रद्धालु जन काफी संख्या में उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button