बलिया:ॠषि, महत्माओ, संतो के श्राप में भी होता है, आशीर्वाद

रिपोर्ट: संजय सिंह

नगरा /बलिया:नगरा ब्लाक क्षेत्र के शंकरपुर देहरी में आयोजित कथा के चौथे दिन कथा व्यास राजेश ओझ ने अजामिल ब्राह्मण की कथा कहते हुए कहा कि अजामिल प्रभु नाम से बैर रखता था अंतत: पतित ब्राह्मण होते हुए भी अपने पुत्र नारायण का नाम अंत समय में ले लेने से विष्णु लोक का अधिकारी बन गया। गज व ग्राह की कथा में कथा आचार्य ने बताया कि गज पूर्व जन्म में इंद्रद्युम्न नाम का राजा था जो अगस्त्य ऋषि के श्राप के कारण गज योनि को प्राप्त हुआ और ग्राह (घड़ियाल) पिछले जन्म में हो हो नामक गंधर्व था जो विदुसक था देवल ऋषि जब सूर्य भगवान को नदी में स्नान करके जल दे रहे थे तो उनका पर पद कर खींचने लगा जिससे क्रोधित होकर ऋषि ने उसे घड़ियाल हो जाने का श्राप दिया था ।बहुत अनुनय विनय के बाद ऋषि ने उससे कहा था कि जो भी मिले उसका पर पढ़ते रहना एक दिन भगवान के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करोगे गजेंद्र के उधार हेतु स्वयं भगवान को आना पड़ा और ग्रह को विष्णु धाम की प्राप्ति हो गई भगवान कश्यप का अवतार महर्षि दधीचि की हड्डी से वज्र के निर्माण से दैत्य पर देवताओं की विजय रामायण के प्रसंग तथा श्री कृष्ण जन्म का विस्तार से वर्णन किया कथा के मध्य श्री कृष्ण जन्म की झांकी ने सब का मन मोह लिया। श्रोताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है आसपास गांव से भारी संख्या में महिलाएं भी सहभागीता कर रही हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button