मुंबई झोपड़पट्टी सुधार मंडल ( स्लम बोर्ड) में भ्रष्टाचार चरम पर

कमीशन के चक्कर में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में विफल सीओ- रविन्द्र पाटील

रिपोर्ट/अजय उपाध्याय

मुंबई: पूर्व तथा पश्चिम उपनगरों में झोपड़पट्टियों के विकास के लिए सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य के विकास निधि से होने वाले विकास के कामो में महाराष्ट्र गृहनिर्माण क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के मुंबई झोपड़पट्टी सुधार मंडल (स्लम बोर्ड) में भ्रष्टाचार तेजी से पनप रहा है । यही नहीं अभियंताओं की मिलीभगत से जमकर कमीशनखोरी हो रही हैं। जिसके चलते विकास निधि से होने वाले कामों की गुणवत्ता में कमी व अधूरे काम होना आम बात हो गई है। सूत्रों का कहना है कि कहने के लिए टेन्डर प्रक्रिया हैं। लेकिन देखा जाए तो हर सांसदों, विधायकों के ठेकेदार पहले से ही तय हुआ करते हैं। जिसके कारण पिछले कई वर्षों में झोपड़पट्टी इलाको में विकास निधि के अरबो रुपये खर्च हो चुके हैं। लेकिन आज भी झोपड़पट्टी के रहिवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जिसके पीछे भ्रष्टाचार ही मूल कारण है। वहीं इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह हैं कि मुंबई झोपड़पट्टी सुधार मंडल के मुख्य अधिकारी रविन्द्र पाटील इस भ्रष्टाचार से बखूबी वाकिफ हैं। लेकिन कमीशन के चक्कर में इसपर अंकुश लगाना नही चाहते। यही नही विकास निधि में अभियंताओं की भी मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बारे में राष्ट्रीय बजरंग दल कोकण प्रांत महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष राजा भाऊ सोनटक्के का
का कहना है कि शाखा अभियंताओं, उपअभियंता से लेकर मुख्य अधिकारी ही नही कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गये कर्मचारी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल है। सबका कमीशन पहले से तय है। यह कहना गलत नही होगा कि इस भ्रष्टाचार के तार मंत्रालय तक फैला हुआ है। जो जांच का विषय है। सोनटक्के ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने १९९२ में म्हाडा के तत्वावधान में मुंबई झोपड़पट्टी सुधार मंडल की स्थापना की थी। जिस उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी। आज उसे अधिकारियों ने अपनी काली कमाई का जरिया बना लिया है। यहीं नहीं जनप्रतिनिधियों के विकास निधि के दुरुपयोग व भ्रष्टाचार की शिकायतों को देखते हुए २००९ में प्रशासनिक सुधार आयोग ने कहा था कि जिस तरह जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, उसे देखते हुए इन निधियों की व्यवस्था तत्काल बंद कर देनी चाहिये। लेकिन ऐसा नही हुआ। राष्ट्रीय बजरंग दल कोकण् प्रांत महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष राजा भाऊ सोनटक्के ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और गृह निर्माण मंत्री अतुल सावे से मांग की है कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डूब चुकी मुंबई म्हाडा ( स्लम बोर्ड) में सांसदों, विधायकों, राज्यसभा सदस्यों की निधियों को तत्काल बंद करें।

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