बिहार:रूपौली उपचुनाव में घमासान; राजद-जदयू के लिए बना प्रतिष्ठा का सवाल

Bihar: Rupauli by-election turmoil; Reputation question for RJD-JDU

पूर्णिया, 4 जुलाई: बिहार में होने वाले रूपौली उपचुनाव में जीत-हार से भले सरकार पर कोई असर नहीं पड़े, लेकिन यह चुनाव राजद और जदयू के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है।उपचुनाव में जीत के लिए दोनों पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं। जदयू के नेताओं का दावा है कि एनडीए के बड़े नेता भी यहां प्रचार करने पहुंचने वाले हैं।उपचुनाव में जदयू के कलाधर मंडल, राजद की बीमा भारती और लोजपा के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह के बीच त्रिकोणात्मक मुकाबले की स्थिति बन रही है।बीमा भारती 2010 से जदयू के टिकट पर चुनाव जीतती रही थीं। लोकसभा चुनाव के ऐन मौके पर बीमा भारती जदयू का दामन छोड़कर राजद में शामिल हो गईं और लोकसभा में राजद की प्रत्याशी बनीं। हालांकि, उन्हें चुनाव में कड़ी शिकस्त मिली और अब विधानसभा उपचुनाव में भाग्य आजमा रही हैं।

 

इधर, जदयू ने कलाधर मंडल को मैदान में उतारा है और हर हाल में जीत के प्रयास में जुटी है। लोजपा के बागी शंकर सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।

 

बताया जा रहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा आबादी गंगोता समाज के मतदाताओं की है। इसी समाज से बीमा भारती और जदयू के कलाधर मंडल भी आते हैं।मंडल पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़े थे। पिछले दिनों राजद की प्रत्याशी बीमा भारती ने पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव से मुलाकात की भी थी। लेकिन अभी तक पप्पू यादव ने सार्वजनिक तौर पर समर्थन की घोषणा नहीं की है।वहीं जदयू के स्थानीय नेताओं की मानें तो यहां प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्री सहित कई मंत्री प्रचार के लिए आने वाले हैं।जदयू ने बड़े नेताओं को पंचायत स्तर की जिम्मेदारी सौंपी है। जदयू ने 21 टीमें बनाई हैं। इन्हें जातीय समीकरण का ख्याल रखते हुए उन क्षेत्रों में भेजा गया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले रूपौली उपचुनाव के लिए राजद भी पूरा जोर लगाए हुए है।राजद के एक नेता ने बताया कि सभी पंचायतों में अलग-अलग तीन-तीन प्रभारी नियुक्त कर दिए गए हैं। इनमें पूर्व विधायक, विधायक और एमएलसी एवं पूर्व एमएलसी भी हैं। ये सभी उन पंचायतों में कैंप किए हैं। रूपौली में 10 जुलाई को मतदान होना है।

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