बिहार में राजनीतिक दलों की नजर अब 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर

Political parties in Bihar now have their eyes on the by-elections to be held on 4 assembly seats

पटना, 15 जुलाई: बिहार के रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत और दोनों गठबंधन की हार के बाद सभी राजनीतिक दलों की नजर अब चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर टिकी है।

 

रूपौली में एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों की हार के बाद राजनीतिक दलों की चिंताएं बढ़ती नजर आ रही हैं। वैसे, आगामी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है।

 

दरअसल, तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद, रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह, बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव और इमामगंज के विधायक जीतन राम मांझी के सांसद बन जाने के बाद ये सभी चार सीटें खाली हो गई हैं। इन चारों सीटों पर जल्द ही उपचुनाव की घोषणा हो सकती है।

 

पूर्णिया की रूपौली सीट पर उपचुनाव खत्म होने के बाद दोनों गठबंधन की नजर चार और सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर है। माना जा रहा है कि चारों सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा। लेकिन रूपौली चुनाव के बाद राजनीतिक दल सचेत हैं।

 

रूपौली उप चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जीत दर्ज की है। सांसद बनने के चक्कर में विधायकी गंवाने वाली राजद की बीमा भारती तीसरे नंबर पर चली गईं। ऐसे में तय माना जा रहा है कि राजनीतिक दल पार्टी बदलने वाले नेताओं से सचेत रहेंगे। भाजपा ने इन चारों सीटों को लेकर मंथन शुरू कर दी है। शाहाबाद की दो सीट रामगढ़ एवं तरारी विधानसभा सीट को लेकर पार्टी में चर्चा शुरू हो गई है।

 

2020 के विधानसभा चुनाव में दोनों सीट पर भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई थी। बताया जाता है कि होने वाले उपचुनाव में एनडीए की ओर से भाजपा को दो, जदयू को एक एवं एक सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को देने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही दलों के अंदर जिताऊ प्रत्याशी की तलाश भी तेज हो गई है।

 

उल्लेखनीय है कि जिन चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से तरारी पर जहां वामपंथी भाकपा (माले) का कब्जा है, वहीं रामगढ़ और बेलागंज से पिछले चुनाव में राजद के प्रत्याशी विजयी हुए थे। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में इमामगंज से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी विजयी हुए थे।

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