उद्योगपति होने के बाद भी हाफिज इल्तिफ़ात में इंसानियत कूट कूट कर भरी थी-अरशद सिद्दीकी
फोटो चेयरमैन – रेड क्रैसेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया:अरशद सिद्दीकी
आजमगढ़,:ब्लाक मुहम्मदपुर के ग्राम विषहम मिर्जा पुर निवासी प्रमुख समाजसेवी हाफिज इल्तिफ़ात उम्र लगभग 90 वर्ष का लखनऊ स्थित उनके आवास पर सोमवार की शाम लगभग 8:00 बजे इंतकाल हो गया। मंगलवार की सुबह उनका शव उनके पैतृक गांव विसहम मिर्जापुर में लाया गया, गाँव की कब्रिस्तान पर शव को सुपुर्दें ए खाक किया गया ,2:30 बजे उनकी नमाजे जनाजा ईदगाह के पूर्व कब्रिस्तान के करीब हजरत मौलाना लाइक साहब ने अदा कराई।नमाज अदा करने के बाद उनके जनाजे को सुपुर्द ए खाक उनके अपने कॉलेज हाफिज इत्तेफात के पीछे कब्रिस्तान में किया गया।यह खबर जैसे ही आजमगढ़ के विषहम मिर्जा पुर पहुँची ,परिजनों में कोहराम मच गया। आजमगढ़ में उनके घर पर शोक संवेदना देने वालों का तांता लगा रहा रहा, मुंबई से लेकर देश के कोने-कोने से राजनेताओं से लेकर उद्योग जगत के कारोबारी ,समाजसेवियो,व राजनेताओं ने उनके घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त किये।बताते चले कि जनपद आजमगढ़ के ब्लाक मुहम्मदपुर के गांव विषहम मिर्जापुर निवासी हाफिज इल्तिफ़ात का लखनऊ व मुंबई के प्रमुख उद्योगपति है,साथ ही राजनीति के भी थे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बहुत करीबी मित्र थे, साथ ही प्रमुख समाजसेवी भी थे उनके निधन से आजमगढ़ जनपद के अलग प्रान्त में रहने वाले सहित अन्य उद्योगपति दुःखी है, मंगलवार उनके पैतृक आवास विषहम मिर्जापुर में शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में प्रमुख रूप से अरशद सिद्दीकी, चेयरमैन – रेड क्रैसेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया,पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा,समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी,विधायक आलंबड़ी ,कमलाकांत राजभर,नफिश अहमद, सांसद दरोगा प्रसाद सरोज, नेशनल इंडस्ट्रीज के मालिक अब्दुल्लाह शेख, पूर्व विधायक आदिल शेख, समाजसेवी मुनीब शेख, साजिद खान, कलीम (mR)वरिष्ठ सपा नेता इमरान अहमद, विधानसभा अध्यक्ष रामाश्रय चौहान,, समाजवादी पार्टी के बड़े नेता शाहिद चकिया हुसैनाबाद,आदि लोग उपस्थित थे, रेड क्रैसेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन अरशद सिद्दीकी ने बताया कि हाफिज इल्तिफ़ात उद्योग प्रमुख के साथ प्रमुख समाजसेवी थे,वह हमेशा हम लोगों के मार्गदर्शक रहे, उनके अन्दर इंसानियत कूट-कूट कर भरी थी ,गरीब मजलूमों के मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे ,उनके निधन से समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है,