अंतरराष्ट्रीय रामायण महासम्मेलन 2025 के द्वितीय दिवस का गरिमामयी आयोजन – सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, विद्वत्सम्वाद और रामदूत अवार्ड्स के साथ
The second day of International Ramayana Maha Sammelan 2025 was celebrated with grandeur - with cultural performances, scholarly discourse and Ramdoot Awards
तहसील संवाददाता सत्येंद्र सिंह
लालगंज आज़मगढ़ अंतरराष्ट्रीय रामायण महासम्मेलन 2025′ के द्वितीय दिवस का आयोजन जीडी मेमोरियल यांकर्स इंग्लिश स्कूल गोमती नगर खनियरा में अत्यंत ही दिव्य, ओजमय, तेजोमय और सार्थक रहा।इस आयोजन ने भारतीय ज्ञान परंपरा की गरिमा और सांस्कृतिक धरोहर की गहन विवेचना और व्याख्या कर श्रोताओं को अभिभूत कर दिया ।प्रातःकालीन सत्र का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।मुख्य-अतिथि के रूप में काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने भगवान श्री राम और रामायण की आज की प्रासंगिकता पर जन-मन जागृत करने वाला उद्बोधन दिया।विशिष्ट अतिथि रहे प्रो. वशिष्ठ ‘अनूप’, हिन्दी विभागाध्यक्ष, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, और उनके साथ गहन पैनल-चर्चा में आमंत्रित वक्ता रहे प्रो. जगदंबा दुबे, डीएवी कालेज, महाराजा सुहेलदेव यूनिवर्सिटी, आज़मगढ़; डॉ. शिल्पा सिंह, सहायक आचार्य, संस्कृत विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय; डॉ. सुशांत कुमार शर्मा, राजभाषा अधिकारी, मंडल कार्यालय, पंजाब नैशनल बैंक, और आईसीएसएसआर पोस्ट-डॉक्टरल फेलो, हिन्दी प्रभारी डॉ. उदय प्रताप पाल जी ने कार्यक्रम का सुन्दर संचालन किया और ‘लोक और साहित्य में राम काव्य’ का विविध पक्ष रखा ।सांध्यकालीन सत्र में सुन्दर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों एवं प्राज्ञ वैचारिक उद्बोधनों की विशेष छटा रही।शाम के सत्र के मुख्य-अतिथि रामाशीष सिंह, वरिष्ठ विचारक और केंद्रीय प्रचारक-प्रसारक, प्रज्ञा प्रवाह, नई दिल्ली ने ‘रामायण के हार्द’ की विवेचना की। अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में यशवंत सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार और सारस्वत अतिथि के रूप में नागेंद्र प्रताप सिंह, चेयरपर्सन, भारतीय शिक्षा बोर्ड, ने युवाओं में ‘रामत्व की प्रतिष्ठा’ की बात की। विशिष्ट-अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी नैशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी, अमरकंटक के संस्थापक कुलपति प्रो. चन्द्र देव सिंह जी ने ‘अयोध्या के इक्ष्वाकु वंश’ के इतिहास पर प्रकाश डाला। सम्मानित अतिथियों में चंदन सिंह, जिला कमान्डेंट, होम गॉर्ड्स, श्री कृष्ण गोपाल राम पथ और नदी उत्थान कार्य; प्रेम नाथ सिंह, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष, सतेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व प्राचार्य, श्री कृष्ण गीता महाविद्यालय; शशिभूषण सिंह, डॉ. शैलेश सिंह, आशीष सिंह आदि रहे।द्वितीय दिन भी ‘रामदूत अवार्ड्स’ से अनेक संस्थाओं और व्यक्तियों को उनके उल्लेखनीय सामाजिक कार्य हेतु सम्मानित किया गया।संत अतुलानंद हिन्दू महाविद्यालय और संत अतुलानंद रचना परिषद के सचिव राहुल सिंह,डॉ. प्रदीप कुमार अग्रवाल, इंडियन अकाउंट्स और ऑडिट सर्विसेस, भारत सरकार। अजीत प्रताप सिंह, अध्यक्ष, देवदूत वानरसेना रणजीत सिंह, पूर्व प्रधानाध्यापक, गांधी स्मारक इन्टर कालेज, जौनपुर रत्नाकर सिंह, पूर्व प्रधानाध्यापक, ग्रामोदय विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, जौनपुर,प्रदीप कुमार शर्मा, सरस्वती शिशु मंदिर और सरस्वती बालिका इन्टर कालेज वाराणसी , सतीश मिश्रा,उपशास्त्रीय भजन गायक और ग़ज़ल गीतकार
जी. डी. मेमोरियल स्कूल के छात्र – छात्राओं की सुन्दर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों यथा ‘सीता स्वयंवर और श्रीराम परशुराम संवाद’ ने नवीन ऊर्जस्विता से परिपूर्ण किया।ऑनलाइन मोड में नई दिल्ली से प्रो. पवनेश कुमार, प्रबंध संकाय, इग्नू; सेंटर फोर नरेंद्र मोदी स्टडिज से प्रो. जसीम मोहम्मद; थाईलेंड, बैंकाक से डॉ. स्वर्ण सुमन, बेंगलुरु से आशुतोष कुमार ठाकुर, और पचास से भी ज्यादा देश-विदेश के शोधार्थियों की सक्रिय उपस्तिथि रही।
कार्यक्रम का संयोजन और संचालन डॉ. अपर्णा सिंह, प्रभारी – प्रबंधन विभाग, महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आज़मगढ़ ने किया।आयोजक मंडल के सदस्यों में के. एल. सिंह, विभाग प्रचारक, विश्व हिन्दू परिषद, काशी प्रांत; सुश्री कुसुम सिंह, उमेश सिंह, प्रमोद कुमार मिश्रा, बृजेश सिंह, मुकेश सिंह, अभिजीत सिंह, नरेंद्र तिवारी, अभिनव सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, सुनील मोदनवाल, राम जी सिंह, दिनेश सिंह, आदि की सक्रिय सहभागिता ने कार्यक्रम को सफल समन्वयन किया।सम्मेलन के तीसरे दिन के प्रातः कालीन सत्र में परमपूज्य श्री संतोषदास ‘सतुआ बाबा’ और सांध्यकालीन सत्र में परमपूज्य श्री शांतनु जी महाराज की अतिविशिष्ट आध्यात्मिक उपस्तिथि रहेगी।साथ ही, शाम के कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक गायिका तनु प्रियंका अपने भोजपुरी लोकगीतों और भजनों के माध्यम से सुरम्य प्रस्तुति देंगी ।