Azamgarh :धूमधाम से मनाया गया नीमा का 78वां स्थापना दिवस: डॉ. डी.डी. सिंह
धूमधाम से मनाया गया नीमा का 78वां स्थापना दिवस: डॉ. डी.डी. सिंह
आजमगढ़ ब्यूरो चीफ राकेश श्रीवास्तव
नेशनल इन्ट्रीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) का 78वां स्थापना दिवस सिधारी स्थित सभागार में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नीमा आजमगढ़ के संरक्षक डॉ. वी.एस. सिंह रहे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि द्वारा भगवान धन्वंतरि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके और दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गई। इसके बाद मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत
किया गया। तत्पश्चात नीमा गान क्वचिद अर्थ क्वचिद मैत्री गाकर कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ. वी.एस. सिंह ने कहा कि आज के वर्तमान परिवेश में एकीकृत चिकित्सा ही एकमात्र विकल्प है, जिसे आयुर्वेद और यूनानी जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से ही पूरा किया जा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना में आयुर्वेदिक दवाओं और आयुष काढ़ा ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सकों के राष्ट्र व्यापी संगठन नीमा ने पूरे देश मे कोविड काल में आगे बढ़कर अपना योगदान दिया है, जिसके लिए वे प्रशंसा के पात्र हैं।
नीमा सचिव डॉ. विनोद कश्यप ने सभी चिकित्सकों का स्वागत करते हुए नीमा की स्थापना एवं क्रिया कलापों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसकी स्थापना राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान, गरिमा प्राप्त करने और एकीकृत चिकित्सा के हितों को बनाए रखने के लिए तथा एकीकृत चिकित्सा को विकसित करने के लिए दिल्ली में 13 अप्रैल 1948 को की गई थी। आज देश में आयुर्वेद व यूनानी पद्धति के 1.5 लाख से ज्यादा चिकित्सक नीमा के सदस्य है। जिले में इसके सदस्यों की संख्या 450 के आसपास है।
नीमा अध्यक्ष डॉ. मनीष राय ने कहा कि संस्था समय-समय पर मेडिकल कैंप व अन्य सामाजिक कार्यों को करती रहती है। उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि नीमा आज़मगढ़ के चिकित्सकों ने आज स्थापना दिवस के अवसर पर जिले भर में अपने चिकित्सा संस्थान पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया, जिससे समाज में संगठन के प्रति विश्वास बढ़ेगा। नीमा स्थापना सप्ताह के तहत आर.के. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज सठियांव और शिवालिक आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज बिजरवां का सहयोग बहुत ही सकारात्मक रहा, जिसके लिए दोनों कॉलेज परिवार को पूरे नीमा परिवार की तरफ से हृदय से आभार है। आशा है कि आगे भी आप लोगों का सहयोग ऐसे ही मिलता रहेगा।
कोषाध्यक्ष डॉ. मनीष चौबे ने राष्ट्रीय स्तर पर आयुष चिकित्सा को स्थापित करने के लिए नीमा की सराहना की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आइएसएम स्नातक देश के स्वास्थ्य की रीढ़ हैं। यूनिसेफ और डब्लूएचओ द्वारा इस बड़े महाद्वीप की स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पूरे देश में अभ्यास करने वाले एकीकृत चिकित्सकों की इस लम्बी श्रृंखला की सेवाओं की वकालत की गई है। नीमा हमेशा से ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेती रही है। कन्या भ्रूण हत्या, अंधेपन की रोकथाम, ट्यूबरक्लोसिस के उन्मूलन और नशीली दवाओं की लत के खिलाफ आम नागरिकों को संरक्षित करने के लिए तत्पर रहती है।
पूर्व नीमा अध्यक्ष डॉ. डी.डी. सिंह ने नीमा आजमगढ़ की प्रगति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह आज की नीमा है जिससे डब्लूएचओ, यूनिएस्को, जिलाधिकारी महोदय, सीएमओ और आईएमए के लोग सहयोग की अपील करते हैं। इसे प्रत्येक सदस्य को समझना होगा। यदि नीमा आजमगढ़ मजबूत हुई है तो उसका फायदा नीमा के प्रत्येक सदस्य को है और मिलेगा। कोरोना काल में जब आईएमए जैसे संगठन कुछ नहीं कर पा रहे थे, तब नीमा के लोग रेलवे स्टेशन, रोडवेज और पेट्रोल पंप पर निःशुल्क मास्क वितरित कर रहे थे। इसके साथ ही जब समाज को सबसे ज्यादा जरूरत थी तब नीमा के लोगों ने रक्तदान करके कितनों की जान बचाई है। यह सारे कार्य नीमा आजमगढ़ के प्रत्येक सदस्य को गर्व का अनुभव कराते रहेंगे। नीमा आजमगढ़ द्वारा 23 मार्च को शहीद दिवस के दिन जो रक्तदान शिविर लगाया गया था, उसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन में रजिस्ट्रेशन कराया गया है। इस शिविर में कुल 138 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया, यह नीमा आजमगढ़ के लिए और नीमा के प्रत्येक सदस्य के लिए अत्यंत गौरव का विषय है।
कार्यक्रम के अंत में नीमा परिवार द्वारा अतिथिगण को प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात राष्ट्र गान कराकर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष डॉ. डी.डी. सिंह ने तथा संचालन डॉ. अजीम अहमद ने किया।
इस अवसर पर डॉ. वी.एस. सिंह, डॉ. डी.डी. सिंह, डॉ. मनीष राय, डॉ. विनोद कश्यप, डॉ. मनीष चौबे, डॉ. अज़ीम अहमद, डॉ. सोनम यादव, डॉ. शिवपाल यादव, महेंद्र कुमार गोंड, सत्य नारायण मौर्या, राम अचल चतुर्वेदी, ऋषि मौर्या, नीरज पाण्डेय, सुनील कुमार, संजना यादव आदि लोग उपस्थित रहे।