पहले ही टूर्नामेंट में अद्विका ढिल्लो की शानदार उपलब्धि यूपी स्टेट चेस चैंपियनशिप के अंडर-9 वर्ग में पाया 5वां स्थान,
राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में जिलाधिकारी की बेटियों ने लहराया परचम।
विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
देवरिया,
शतरंज की बिसात पर जनपद की दो बेटियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। सीतापुर में आयोजित उत्तर प्रदेश स्टेट चेस चैंपियनशिप के अंडर-9 वर्ग में अद्विका ढिल्लो ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए पाँचवाँ स्थान प्राप्त किया। यह उनका पहला राज्य स्तरीय टूर्नामेंट था, जिसमें उन्होंने आत्मविश्वास और संयम के साथ खेलते हुए यह उपलब्धि हासिल की।
अद्विका ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह मेरा पहला टूर्नामेंट था। यहाँ मिले अनुभव से मैंने बहुत कुछ सीखा है, जो भविष्य के टूर्नामेंट्स में निश्चित ही मदद करेगा। मैं और मेहनत करूँगी और आगे और भी अच्छा प्रदर्शन करूंगी। उन्होंने बताया कि ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश, विश्व शतरंज चैंपियन मैग्नस कालर्सन और कोनेरू हंपी उनकी प्रेरणास्त्रोत हैं।
अद्विका की सफलता पर उत्तर प्रदेश शतरंज संघ के अध्यक्ष श्री ए.के. रायजादा ने हर्ष जताते हुए कहा, अद्विका जैसी बाल प्रतिभाओं का उभरना राज्य के लिए गौरव की बात है। उनका समर्पण व प्रेरणा आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला सकती है।
अद्विका, देवरिया की जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल एवं श्री गगन ढिल्लों की सुपुत्री हैं। बेटी की इस उपलब्धि पर जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने भावुक होकर कहा कि यह मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण व भावनात्मक क्षण है। अद्विका ने लोगों के आशीर्वाद और अपनी मेहनत से यह स्थान प्राप्त किया है। मैं चाहती हूं कि वह भविष्य में इससे भी बेहतर करे और शतरंज की दुनिया में नया मुकाम हासिल करे। श्री गगन ढिल्लों ने भी अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अद्विका की मेहनत, लगन और खेल के प्रति उसकी गंभीरता सराहनीय है।
खास बात यह भी है कि जिलाधिकारी महोदया की छोटी सुपुत्री अव्याना ढिल्लो ने इसी प्रतियोगिता के अंडर-7 वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। अद्विका और अवन्या, दोनों न केवल शतरंज में उत्कृष्ट हैं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी मेधावी छात्रा हैं। वे वर्तमान में गोरखपुर के मशहूर शतरंज कोच श्री जितेंद्र सिंह से नियमित प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। जनपद के लिए यह अवसर गौरव का है कि यहाँ की होनहार बेटियाँ शतरंज जैसे बौद्धिक खेल में राज्य स्तर पर परचम लहरा रही हैं। आने वाले समय में उनसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में और भी ऊँचाइयों को छूने की अपेक्षा की जा रही है।