आजमगढ़:पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह ने फर्जी नियुक्ति के मामले में जांच की किया मांग
Azamgarh: Former District School Inspector Ramesh Singh demanded investigation in the case of fake appointment
बबलू राय
बलरामपुर/आजमगढ़ मंडल के शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला और फर्जी नियुक्ति का मामला आजमगढ़ मंडल के मऊ जनपद से आयाहै। तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह ने बड़े आरोप लगाते हुए शिक्षा विभाग में हो रहे घोटाले का मीडिया के सामने यह खुलासा किया कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए , उन्होंने बड़े आरोप लगाते हुए नियमों के खिलाफ उच्च न्यायालय और शासनादेश को ताक पर रखकर देवेंद्र गुप्ता जुलाई 2023 से लेकर के जुलाई 2024 के बीच में इनके द्वारा लगभग 42 अनियमित और फर्जी नियुक्तियां की गई है जिसका रेगुलर भुगतान किया गया, जिसमें करोड़ों रुपया की सरकारी हानि हुई है। जबकि इसमें ना किसी प्रकार का माननीय उच्च न्यायालय का आदेश था ना तो किसी प्रकार का कोई विभागीय आदेश है ना शासन का आदेश है। यदि सही तरीके से इसकी जांच कर ली जाए तो जिस तरीके से देवेंद्र गुप्ता के खिलाफ हापुड़ में और देवरिया में एफआईआर दर्ज हुई है उसी प्रकार से मऊ जनपद में भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए । आपको बता दे की 42 नियुक्तियों में से कुछ मृतक आश्रित सीटों पर भी गलत तरीके से भरती की गई है और कुछ स्वयं उनके द्वारा भी गलत भर्तीयां की गई है। यह सारी नीतियां नियमों को ताक पर रखकर की गई है और पूरे तरीके से फर्जी है, जिनका वेतन मेरे द्वारा रोका गया है। इन सभी फर्जी 42 नियुक्तियों का मेरे पास साक्ष्य और जो मैं पूरी तरीके से दिखाना चाहता हूं , उन लोगों के द्वारा पूरा साक्ष्य और दस्तावेज गायब कर दिया गया है। जब पत्रावली की मेरे द्वारा मांग की गई तो बाबू ने लिख कर दिया है की पूरी पत्रावली अपने आवास पर उठा ले गए हैं। पत्रावली किसी को दिए नहीं,इसका तात्पर्य है की पत्रावली भी इनके के द्वारा गायब कर दी गई है। हमने विभागीय उच्च अधिकारियों को लिखा था ज्वाइन डायरेक्टर को भी पत्र लिखा था संजोग से हमारा स्थानांतरण हो जाने के कारण इस मामले में लीपा पोती कर दिया गया। एक तरीके से पूरे मामले को दबा दिया गया। अगर किसी स्थिति में जांच हो जाए तो यह पूर्ण रूप से दोषी पाए जाएंगे इनके ऊपर एफआईआर होगी । और उनके ऊपर रिकवरी का आदेश होगा कोई भी प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय से बड़ा नहीं है। एविडेंस सारा मौजूद है कि किस तरीके से सारा बंदर बांट हुआ है। इनके द्वारा अनियमितताएं पाया गया है जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक को 2 लाख का एरियल भुगतान करने का अधिकार है।
वह भी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से चयनित अध्यापकों को,किंतु उनके द्वारा शिक्षकों को शासनादेश की आड़ में तय सीमा को दरकिनार करते हुए बिना शासन की अनुमति लिए उनके द्वारा दो करोड रुपए का एरियल भुगतान कर दिया गया । इसकी केवल जांच हो जाए तो यह पता चल जाएगा कि इसमें कितने बड़े-बड़े बंदर बाट हुए हैं और उनके द्वारा कितने घोटाला किया गये है अपने को साफ सुथरा बनने के लिए। इनके द्वारा पत्रावली को गायब कर दिया गया श्री देवेन्द्र कुमार गुप्ता जी ने जो वर्तमान में जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया और फिर इन्होंने दो करोड़ एरियल के मामले को पूरी तरीके से दबा दिया मैं वहां से हट चुका था पूरी पत्रावली को गायब कर दिया गया। इन्होंने बताया कि सारा एविडेंस मेरे पास मौजूद है सही तरीके से जांच हो जाए तो निश्चित रूप से उनके खिलाफ मऊ में भी एफआईआर दर्ज होगी और यह दंड के भागी होंगे।
इस मामले में विभिन्न लोगों की फर्जी नियुक्ति बताई गई है।
संतोष कुमार सिंह, आराधना सिंह ,शशि प्रकाश उपाध्याय, अभिनव कुमार शर्मा, पंकज कुमार मिश्रा, विक्की कुमार राय देव संस्कृति प्राचीन समिति उच्च माध्यमिक विद्यालय बैरिया,
आञ्जनेय त्रिपाठी , रवि कुमार सिंह श्री दुर्गा संस्कृत उच्च माध्यमिक विद्यालय मुंडेरा को बलिया
प्रशांत कुमार सिंह ,समरजीत मणि यादव ,श्री सत्यनारायण संस्कृत उच्च माध्यमिक विद्यालय मनियर बलिया ,अजय कुमार ,अजय कुमार यादव श्री अमर संस्कृत उच्च माध्यमिक विद्यालय खजूरी बलिया ,श्री बजरंग आदर्श संस्कृत उच्च माध्यमिक का विद्यालय ददरा आदि नाम है।इस मामले पर आजमगढ़ मंडल संयुक्त निदेशक से जब पूछा गया तो बताये कि मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है जिसमें उन्होंने 42 फर्जी भार्तियां या फिर एरियल का घोटाला किया गया है। लेकिन संयुक्त निदेशक आजमगढ़ पर भी पहले से अलीगढ़ में करोडों रुपए के घोटाले का इल्जाम लगा है और एफआईआर भी दर्ज कर लिया गया है। अब देखना है कि सब मामलों पर आगे क्या कार्रवाई होती है।