आजमगढ़:एआरपी के चयन में बेसिक शिक्षा परिषद के महानिदेशक का आदेश हुआ अनदेखा
Azamgarh: The order of the Director General of Basic Education Council was ignored in the selection of ARP
आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय
आजमगढ़ (बलरामपुर)जनपद का बेसिक शिक्षा परिषद बेलगाम हो चुका है उसे उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के महानिदेशक के आदेश तक की परवाह नहीं रह गई है। इसका ताजा उदाहरण है जनपद में एआरपी चयन प्रक्रिया जो सेशन के पूर्व ही पूर्ण करनी थी। अद्यतन 10 अप्रैल तक सम्पूर्ण कर प्रदेश मुख्यालय व सीमैट को चयनित लिस्ट भेज देनी थी। लेकिन आजमगढ़ में केवल परीक्षा कराई गई और 10 अप्रैल तक उत्तीर्ण अध्यापकों का परीक्षा परिणाम ही घोषित नहीं किया गया चयन करने की बात दूर रही।नई शिक्षा नीति के तहत बेसिक शिक्षा परिषद में अब ब्लाक संसाधन केंद्रों पर अकादमिक रिसोर्स पर्सन की तैनाती की जाती है। ये एआरपी प्राथमिक विद्यालयों पर जाकर निपुण एसेसमेंट करते हैं। इस एसेसमेंट में वह देखते हैं कि कितने विद्यार्थी पढ़ने लिखने में दक्ष हुए। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की पूरे प्रदेश के बेसिक के प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थी निपुण हो जायें की प्रक्रिया में एआरपी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। खंड शिक्षधिकारी कार्यालयांे में तैनात पूर्व के एआरपी से त्यागपत्र भी ले लिया गया है। नये एआरपी की चयन प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। इसके तहत आजमगढ़ जनपद में डायट पर गत 22 मार्च को परीक्षा भी आयोजित की गई। परीक्षा के आयोजन के पश्चात यह लग रहा था कि समय से एआरपी चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी लेकिन आज 10 अप्रैल हो गये उस परीक्षा का परिणाम तक विभाग ने घोषित नही किया चयन प्रक्रिया पूर्ण करने की बात तो दूर की कौड़ी साबित हो रही है। विभाग के सूत्रों की माने तो एआरपी चयन प्रक्रिया में खासा झोल बना हुआ है, दूर दराज के ब्लाकों में तैनात अध्यापक एआरपी बनकर अपने घर के नजदीक के ब्लाकों में तैनाती चाहते हैं तो बहुतेरे अध्यापक जिनकी पहुंच थोड़ी ऊंची वो दूर दराज के ब्लाकों से शहर के नजदीक के ब्लाकों में तैनाती चाहते हैं नतीजा अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष चयन भी एक सवाल बनकर खड़ा हुआ है। विभाग 22 मार्च की लिखित परीक्षा के अंक भी बताने को नही कह रहा है सूत्रों की माने तो लिखित परीक्षा परिणाम, माइक्रो टीचींग व साक्षात्कार के अंक सब जोड़कर चयनितों की लिस्ट बना दी जायेगी। अर्थात माइक्रो टीचींग व साक्षात्कार में अपने चहेतों को इच्छित अंक देकर चयन प्रक्रिया में उनको उपर रखकर मनचाहा ब्लाक देने की मंसूबे ने पूरी प्रक्रिया को विलम्बित किये हुए है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने 25 मार्च 2025 को समस्त जनपद के बेसिक शिक्षाधिकारियों और डायट प्राचार्यों को पत्र जारी कर 10 अप्रैल तक एआरपी चयन प्रक्रिया पूर्ण करके चयनित एआरपी की सूची राज्य परियोजना कार्यालय व सीमैट प्रयागराज को भेजने का आदेश दे रखा है लेकिन आजमगढ़ में महानिदेशक का आदेश पर अधिकारियों के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है। इस बाबत जब जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव पाठक से पूछा गया तो उन्होने कहा कि अगले दो दिनों में हम परीक्षा परिणाम घोषित कर देंगें।
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*नहीं बदला विद्यालयों का समय*
आजमगढ़। इस बार गर्मी अधिक पड़ने वाली है और अप्रैल माह में इसकी शुरूआत देखने को भी मिल रही है। आजमगढ़ के आस पास के जनपदों में संभावित हीट वेव को देखते हुए विद्यालयों का समय बदल दिया गया लेकिन आजमगढ़ में अभी भी विद्यालयों का समय सुबह 8 से 2 बजे तक ही चल रहा है। कई शिक्षक संगठनों ने इस बाबत अधिकारियों का ध्यान भी आकृष्ट कराया है। अब देखना है कि उनकी सुनवाई कब तक होती है या बच्चों सहित अध्यापकोें को भी हीट वेव की मार झेलनी होगी।
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*मानव संपदा पर नहीं हुए सुधार*
आजमगढ़। आजकल एक-एक अध्यापक की पूरी सर्विस बुक आनलाइन मानव संपदा पर दर्ज होती रहती है, पूरी प्रक्रिया डीजीटीलाइजेशन हो चुकी है अध्यापक आनलाइन छुट्टी भी लेते हैं दिक्कत तो तब आती जब मानव संपदा पर इंट्री ही गलत दर्ज होती है। दर्ज करने वाले होते हैं विभाग के बाबू और परेशान होता है अध्यापक। जनपद के अधिकांश अध्यापकों की प्रविष्टियां त्रुटिपूर्ण बनी हुई है अब देखिये विभाग कब जागता है और उन्हे सुधार करवाता है।
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नामांकन का हुआ टोटा
आजमगढ़। नई शिक्षा नीति के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश तभी होंगें जब वह 6 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेंगें। यह नियम केवल सरकारी विद्यालयों पर ही लागू होकर रह गया प्राईवेट विद्यालय धड़ल्ले से 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नामांकन अपने विद्यालयों में कर रहे है और प्राईमरी का अध्यापक कागजों के चक्कर में फंस कर 6 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके बच्चों का ही नामांकन कर रहे है। जिसका परिणाम यह निकल रहा है कि जनपद के अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों पर बच्चों के प्रवेश की बोहनी तक नहीं हुई है।