पावरलूम कामगार का होनहार सपूत बना न्यायाधीश पिता का सपना किया साकार
The promising son of a powerloom worker became a judge and fulfilled his father's dream
हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी
भिवंडी-भिवंडी पावरलूम कामगार के होनहार सपूत एडो,रमेश बसंत अडागले ने अपनी छमता व योग्यता का परिचय देते हुये दीवानी कनिष्ठ स्तर व न्यायदंडाधिकारी प्रथम वर्ग पर नियुक्त के बाद सभी मित्रों व परिवार वालों ने खुशी जाहिर किया है। और उन्होने यह सावित कर दिया है कि लगन, आत्मविश्वास और प्रबल इच्छा हर मंजिल को पाने में महत्व पूर्ण सहयोगी सिध्द होता है।मराठवाडा़ के रहने वाले किसान अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिऐ १९९८ में अपनी रोजी रोटी की तलाश में भिवंडी साठेनगर झोपड़ पट्टी ईलाके में आकर ककाम करने लगे। गांव में उनकी धर्म पत्नी आशा और तीन बच्चे स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। बीड़ जिला के किल्ले धारुर तालुका के आसरडोह गांव जिला परिषद स्कूल में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर आंबेजोगाई में १२वीं की परिक्षा देने के बाद भिवंडी आये। रमेश जी ने ठाणे जिले में डी एड परिक्षा उत्तीर्ण कर शिक्षक बनना चाहते थे। सफलता ना मिलने के कारण कभी गोडाऊन, कभी हमाल कभी असंगठित कामगार के रूप में कभी साप्ताहिक पेपर कार्यालयों में जाकर पहुंचाते कर गाव जाकर पदवी परिक्षा उत्तीर्ण किया। फिर पूरा परिवार भिवंडी आकर रहने लगे। मां आशा घर पर रहकर अपने परिवार का परवरिष करती,रमेश जी ने वकीलों का वर्तालाप सुनकर और देखकर ठान लिया कि मै भी इससे अच्छा कर सकता हूं। ठाणे टीएमसी विधी महाविद्यालय से सफलता के बाद भिवंडी न्यायलय में वकीलों के साथ काम करते हुए २०२२ में ११४ न्यायाधीश पद के लिए कुल १० हजार लोंगों ने परिक्षा दिया जिसमें १२०० लोग परिक्षा उत्तीर्ण कर सकें। और रमेंश बसंत अडागले ने न्यायाधीश बनकर अपने माता पिता का सपना पूरा किया।