१३० वर्ष पुरानी दगडी़ स्कूल जहां बाला साहेब ठाकरे ने ली शिक्षा आज जर्जर हालात में सरकारी उपेक्षाओं का शिकार
The 130-year-old Dagdi school where Balasaheb Thackeray studied is today in a dilapidated condition and a victim of government neglect
हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी
भिवंडी-भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका के अंतर्गत प्रचीन काल की एतिहासिक धरोहर दगडी़ स्कूल के नाम से आज भी जानी जाती है। इसका इतिहास इसलिए और महत्व पुर्ण बन जाता है। क्यों कि हिंदू हृदय सम्राट शिवशेना प्रमुख स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे ने इसी स्कूल में शिक्षा ग्रहण की थी। परंतु १३० वर्ष पुराने इस स्कूल की हालात जर्जर हो चुकी है। और इस स्कूल में कापी किताब और अन्य सामाग्री का गोदाम बना दिया गया है। भिवंडी मनपा के पुर्व कांग्रेसी नगरसेवक अरुण राऊत ने मनपा प्रशसन को अभिलंब मरम्मत की माग की है।
पत्थर व्दारा निर्मित इस स्कूल का नाम दगडी़ स्कूल का नाम इसलिए रखा गया था कि यह स्कूल डग्गर और पत्थर से बनाया गया था। भिवंडी मनपा के पुर्व कांग्रेसी नगर सेवक अरुण राऊत ने भिवंडी मनपा प्रशासक एवं आयुक्त अनमोल सागर व संबधित विभाग के लोगों को तुरंत मरम्मत करने की अपील करते हुए कहा है कि शिक्षा ग्रहण करने लायक बनाकर बच्चों को शिक्षा प्रदान कराया जाये। इस एतिहासिक इमारत में मनपा शिक्षण मंडल का कार्यालय खोला गया था। जहां पर शिक्षण मंडल के अध्यक्ष, प्रशासनिक अधिकारी, और शिक्षण अधिकारी बैठकर शिक्षा संबधि विषयों का निवारण करते थे।
भिवंडी मनपा के पुर्व कांग्रेसी नगरसेवक अरुण राऊत ने कहा है कि यह एक एतिहासिक धरोहर है। इसे सम्हाल कर रखना मनपा और हमारी जबाब दारी है। प्रशासनिक अधिकारी नितिन पाटील का कहना है कि मनपा के बांधकाम विभाग ने इस इमारत को जर्जर घोषित कर दिया है। और मनपा के पास मरम्मत अथवा पुन: निर्माण के लिये पर्याप्त धनराशी उपलब्ध नहीं है। सरका से सहयोग निधि की मांग की गयी है। मनपा के इस बात असहमति जाहिर करते हुए पुर्व कांग्रेसी नगरसेवक अरुण राऊत ने कहा है कि इस एतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए मनपा प्रशसन को हर जरुरी कदम उठाना चाहिए।