कामावरी नदी का सकरी होना और जलपर्णी से पर्यावरण पर बढ़ता खतरा भिवंडी के लिये खतरे की घंटी
The narrowing of the Kamavari river and the increasing threat to the environment from waterfowl is a warning signal for Bhiwandi
हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी
भिवंडी-भिवंडी शहर से होकर गुजरने वाली कामावरी नदी के किनारे भू माफियाओं व्दारा किये गये अतिक्रमण से सकरी होना तथा नदी के पानी में जलपर्णी के फैलाव से पर्यावरण और भिवंडी वाशियों के लिये खतरे की घंटी तथा तबाही का कारण बन सकता है।? कामावरी नदी में शहर का कचरा डालकर प्रदूषण को और बढा़वा दिया जा रहा है। जिस से पानी के आक्सीजन में भारी गिरावट देखा जा रहा है। पानी मे रहने वाले जीव जन्तुओं तथा नदी झरना और तालाब से पानी पीकर अपना जीवकोपार्जन करने वाले जानवरों के लिए भारी खतरा दिखाई दे रहा है।
भिवंडी कामावरी नदी की हालात इन दिनों बेहद खराब हो चुकी है। नदी (खाड़ी) के किनारे अतिक्रमण से नदी सकरी हो गई है। जलपर्णी के कारण पर्यावरण पर्यावरण के खतरे के साथ साथ नदी गंदी नाली से भी बदतर हो गई है। आक्सीजन की कमी के कारण जलचर जीव जन्तुओं को सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।जंगली जानवरों को पानी पीने के लिए नसीब नहीं होपा रहा है। नदी की हालात दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। महाराष्ट्र सरकार व नदी तालाब झरने की देखरेख करने वाले संबधित अधिकारियों व्दारा कोई ठोस कदम ना उठाना भिवंडी शहर और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में बरसात के समय पानी के बहाव में रुकावट होने से बाढ़ का खतरा पर्यावरण का खतरा,आरोग्य का खतरा, बढ़ता जा रहा है। जिसके करण यह समस्या और भी जटिल होती जा रही है।
*लापरवाही* नदी की ऐसी हालात के कुछ महत्व पुर्ण बिंदू पर प्रकाश डालें तो २००५ में एक बार नदी की चोडा़ई और गहराई पर कर्य किया गया है। उसके बाद नदी के नाम पर कभी भी सुरक्षा हेतु कोई कार्रवाई नहीं की गई है।कंपनियों का केमिकल युक्त पानी, शहरियों व्दारा नदी मे कचरा डंप करना, शहर के कई ईलाको का गंदा पनी नदियों मे सीधा डालना, पानी माफियािओं व्दारा नदी से पानी का लगातार निकालना तथा नदी के किनारे ग्रीन लैड ईलाको में अवैध्य बांध करने के कारण नदी का सकरी हो जाने से पनी के बहाव में रुकावट आने से बाढ़ की स्थित उत्पन्न होना, जलपर्णी की सफाई ना होने के कारण हालात गंभीर होते जा रहे हैं।