जबलपुर में मासूम से दुष्कर्म का आरोपी शिक्षक निलंबित
20 फरवरी को जबलपुर के थाना बेलखेड़ा अंतर्गत एक गांव में रहने वाली मासूम बच्ची के साथ उसी स्कूल के एक शिक्षक ने रेप किया था। मामले पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया, वही शिक्षा विभाग ने आरोपी टीचर के निलंबित भी कर दिया, पर इससे पहले जबलपुर जिले के शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने पीड़ित बच्ची की पहचान को उजागर करते हुए सार्वजनिक कर दिया। मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस से भी शिकायत की गई पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सौरभ नाटी शर्मा की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हुई जिसमें राज्य सरकार,डीजीपी, कलेक्टर, एसपी, थाना प्रभारी बेलखेड़ा और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से मांग की है कि पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) को निर्देश दिए जाए, कि उनके द्रारा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 72 (1), POCSO अधिनियम की धारा 33(7), और किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 74 से संबंधित पूरे प्रदेश में दिशा निर्देश जारी किए जाए। सौरभ शर्मा की और से दायर याचिका में कोर्ट को बताया गया कि 20 फरवरी को बेलखेड़ा के एक शासकीय स्कूल में कक्षा 3 में पढ़ने वाली 8 साल की बच्ची के साथ स्कूल के ही टीचर घनश्याम ठाकुर ने रेप किया। बच्ची रोते हुए घर पहुंची और माता-पिता को पूरी घटना बताई। इसके बाद परिजन थाने पहुंचे और टीचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया है। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी ने टीचर को सस्पेंड कर दिया।
2 साल से स्कूल में प्राथमिक क्लास में बच्चों को पढ़ाता था। वह मूलत: नरसिंहपुर जिले की नयाखेड़ा ग्राम पंचायत का रहने वाला है। रेप करने के बाद आरोपी टीचर ने बच्ची को धमकाते हुए घर भेज दिया था। उसने कहा कि किसी को कुछ भी मत बताना। बच्ची रोते हुए घर पहुंची तो माता-पिता ने सारी घटना पूछी। याचिकाकर्ता की और से एडवोकेट अशोक गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि मासूम बच्ची के साथ रेप से जुड़ा गंभीर मामला था, इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने बच्ची का गांव, माता-पिता के नाम, यहां तक की बच्ची का नाम उजागर करते हुए निलंबन के आदेश को शिक्षा विभाग के व्हाटसअप गुप्र में सेंड कर वायरल कर दिया। याचिकाकर्ता ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मामले पर शिकायत भी की थी, पर वहां से किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि इस तरह के अपराध में दो साल तक की सजा और दो लाख का जुर्माना भी तय है। उन्होंने बताया कि एसपी ने जब मामले पर संज्ञान नहीं लिया तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें नोटिस जारी किया गया है। जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए माना कि बच्ची के साथ कुछ न कुछ तो गलत हुआ है। फिलहाल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट