कुटिया वाली मस्जिद में नमाज-ए-तरावीह मुकम्मल
तरावीह मुकम्मल होने के बाद मुल्क में अमन-चैन की मांगी गई दुआं
भदोही। खमरिया नगर के कुटिया वाली मस्जिद में मुकद्दस माह-ए-रमजान में पढ़ी जाने वाली नमाज-ए-तरावीह मुकम्मल हो गई। हाफिज मो.वकास अत्तारी मिस्बाही ने तरावीह मुकम्मल कराई तो मुक्तदियों ने फूलों का हार पहनाकर इस्तकबाल किया और मुबारकबाद दी।
इस दौरान हाफिज मो.वकास अत्तारी मिस्बाही ने कहा कि देखते ही देखते मुकद्दस माह-ए-रमजान हमसे रुखसत होने को है। लेकिन तमाम मोमिन अभी भी गफलत की चादर में लिपटे हुए हैं। जबकि अल्लाह ने सभी मोमिनों व मोमिनातों को तीन अशरे वाली यह मुकद्दस माह अता की। जिसमें रहमत, बरकत और मगफिरत शामिल हैं। अभी सिर्फ आखिरी अशरा बचा हुआ है। ऐसे में सभी को चाहिए कि वें अपने गुनाहों से तौबा कर अल्लाह की खुशनुदी हासिल करें। इस दौरान उन्होंने बारगाहे परवरदिगार में दोनों हाथों को फैलाकर सारे आलम-ए-इस्लाम के लिए खैरोबरकत, अमनों-अमान के साथ ही अपने मुल्क की तरक्की व अमन-चैन कायम रखने के लिए दुआएं मांगी।
इस मौके पर इमाम-खमरिया हाफिज हारुन रशीद, मौलाना शहजाद, सदर-ए-मस्जिद रईस खां, मौलाना सुब्हान तालिब, मौलाना व हाफिज अब्दुल कादिर, हाफिज फुजैल, हाफिज चांद, भईया खां व फिरदौस आलम आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।