मियावाकी पध्दति से घने जंगलों का निर्माण व हरियाली मिशन की नई पहल
Creation of thick forests by Miyawaki method and new initiative of Greening Mission
हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी
भिवंडी- भिवंडी शहरीकरण और वनों की बेतहासा कटाई से बढ़ते पर्यावरण क्षय के खतरे को देखते हुए तथा पर्यावरण असंतुलन बनाए रखने के लिये भिवंडी में मियावाकी पद्धति से घने जंगल विकसित करने की मुहिम को तेज करते हुए भिवंडी शहर निजामपुर महानगरपालिका क्षेत्र में चौथे मियावाकी उद्यान की स्थापना की गई, जिसका शुभारंभ पालिका आयुक्त अनमोल सागर ने वृक्षारोपण करके किया।
यह उद्यान म्हाडा कॉलोनी स्थित स्वास्थ्य केंद्र के पास अहमदाबाद स्थित कैच फाउंडेशन के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। इस मौके पर अतिरिक्त आयुक्त देविदास पवार, विठ्ठल डाके, कैच फाउंडेशन के अध्यक्ष भरत सिसोदिया, भरत पीरम एंड वैक्सीन लिमिटेड (मुंबई) की डॉ. अपूर्वा पवार, उपायुक्त बालकृष्ण क्षीरसागर, नगररचना विभाग के सहायक संचालक अ. ह. साबले, उद्यान अधीक्षक निलेश संखे और प्रभाग समिति क्रमांक 5 के सहायक आयुक्त बालाराम जाधव सहित कई अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। यह भिवंडी शहर का चौथा मियावाकी उद्यान है। इससे पहले नजराना श्मशानभूमि, कामतघर उद्यान और फेणेगांव में तीन मियावाकी उद्यान विकसित किए जा चुके हैं। इस नए उद्यान में ३५ स्थानीय प्रजातियों के ४००० पौधे रोपे जाएंगे, जो आने वाले वर्षों में घने जंगल के रूप में तब्दील होंगे। पर्यावरण संरक्षण की इस अनूठी पहल में सामाजिक संस्थाएं भी अहम भूमिका निभा रही हैं। नगर आयुक्त अनमोल सागर ने इनके योगदान की सराहना करते हुए नागरिकों से भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर सभी मिलकर इस अभियान से जुड़ें, तो भिवंडी का पर्यावरण संतुलित और स्वच्छ बना रह सकता है। उद्यान का उद्घाटन महानगरपालिका आयुक्त अनमोल सागर ने वृक्षारोपण कर किया। इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त देविदास पवार, विठ्ठल डाके, कैच फाउंडेशन के अध्यक्ष भरत सिसोदिया, भरत पीरम एंड वैक्सीन लिमिटेड (मुंबई) की डॉ. अपूर्वा पवार, उपायुक्त बालकृष्ण क्षीरसागर, नगररचना विभाग के सहायक संचालक अ. ह. साबले, उद्यान अधीक्षक निलेश संखे, प्रभाग समिति क्रमांक ५ के सहायक आयुक्त बालाराम जाधव, सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। यह भिवंडी का चौथा मियावाकी उद्यान है। इससे पहले नजराना श्मशानभूमि, कामतघर उद्यान और फेणेगांव में तीन मियावाकी उद्यान स्थापित किए जा चुके हैं। इस उद्यान में ३५ स्थानीय प्रजातियों के ४००० पौधे लगाए जाएंगे, जो आने वाले वर्षों में घने जंगल के रूप में विकसित होंगे। पर्यावरण संरक्षण की इस पहल में सामाजिक संस्थाएं भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उनके इस योगदान की सराहना करते हुए आयुक्त अनमोल सागर ने शहरवासियों से भी पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि सभी नागरिक इस दिशा में कदम बढ़ाएं, तो शहर का पर्यावरण संतुलित और स्वच्छ बना रह सकता है।