हानिकारक रसायनयुक्त पीली मिट्टी व डी.जे. पर प्रतिबंध की मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

Yellow soil with harmful chemicals and D.J. Demand for ban on, Memorandum submitted to the

जबलपुर। होली पर्व पर उपयोग होने वाली हानिकारक रसायनयुक्त पीली/गेरू मिट्टी और डी.जे. के बढ़ते शोर को लेकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) छात्र परिषद के संयोजक एवं अधिवक्ता धीरज सिंह ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रतिनिधियों ने कलेक्टर को हानिकारक पीली मिट्टी भेंट कर इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

छात्र परिषद ने तर्क दिया कि पीली मिट्टी व गेरू के उपयोग से मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह मिट्टी श्वसन तंत्र, आंख, कान और नाक के लिए हानिकारक है, साथ ही यह वायु गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। परिषद का कहना है कि भारतीय संस्कृति में होली का पर्व प्राकृतिक रंगों और पुष्पों से मनाने की परंपरा रही है, लेकिन समय के साथ इसमें हानिकारक रसायनों का उपयोग बढ़ गया है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हैं।

इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने उच्च न्यायालय के डी.जे. प्रतिबंध आदेश का सख्ती से पालन कराने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि तेज़ आवाज़ वाले डी.जे. बुजुर्गों, हृदय रोगियों और परीक्षार्थियों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं। वर्तमान में कक्षा 5वीं से 12वीं तक की परीक्षाएं जारी हैं, जो होली के बाद भी संचालित रहेंगी। ऐसे में तेज़ आवाज़ से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

छात्र परिषद ने मांग की कि संपूर्ण मध्यप्रदेश में हानिकारक पीली मिट्टी और गेरू के विक्रय पर रोक लगाई जाए और पुलिस सत्यापन के बाद ही डी.जे. संचालकों का पंजीयन किया जाए। इस मौके पर एड. नितिन करण, दीपक सिंह राजपूत, एड. अभिषेक सिंह राजपूत, एड. अखिलेश सिंह, अभिनव श्रीवास्तव, अनुज लोधी, पं. सागर शुक्ला, गयाप्रसाद धुर्वे, नरेश मंध्यानी, महेश बेन समेत कई लोग उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

 

जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट

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