पुुलिसिया कार्यवाई के बावजूद बढ़ती मादक पदार्थों की बिक्री चिंता का विषय?

Despite police action, rising drug sales a matter of concern?

 

हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी

भिवंडी- भिवंडी में पुलिस की लगातार धरपकड़ व कार्रवाई के बावजूद मादक पदार्थों की बिक्री व सेवन करने वालों की बढ़ती संख्या पुलिस प्रशासन व सिमाजिक ताना बाना के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। गांजा,अफीम,चरस,ड्रग्स, आदि के अलावां नशीली प्रतिबंधित दवाईयां धड़ल्ले से बेची और सेवन की जा रही है।हाल ही में पुलिस ने कई चिलमबाजों के खिलाफ पुलिस व्दारा छापेमारी की, गई लेकिन इसके बावजूद नशे का कारोबार जारी है। जिससे स्थानीय नागरिकों में डर और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। २७ फरवरी २०२५ को पुनः पुलिस ने भिवंडी के नेहरूनगर व म्हाडा कालोनी इलाकों में छापा मारकर गांजा रखने और सेवन करने के आरोप में अमित धनेश्वर राजभर और राजकुमार केदारनाथ सोनी को हिरासत में लिया। इनके पास से गांजा और अन्य प्रतिबंधित नशीले पदार्थ बरामद हुए। पुलिस ने एन,डी,पी,एस (NDPS) एक्ट १९८५ की धारा ८(क), २७ के तहत मामला दर्ज किया है।भले ही पुलिस नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि गांजा तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर अपना धंधा चला रहे हैं। कई रिपोर्टों के मुताबिक, भिवंडी के निजामपुरा, नेहरूनगर, कोनगांव, भंडारी, कामतघर, भादवड़, शांतिनगर, मीटपाडा और नारपोली, दीवानशाह, दरगाह जैसे आदि अन्य इलाकों में चोरी-छिपे नशे की बिक्री जारी है।नशे की बढ़ती लत से युवा वर्ग तेजी से प्रभावित हो रहा है। स्कूल-कॉलेज के छात्र और बेरोजगार युवक गांजा और चरस जैसे नशे के दलदल में फंस रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही इस पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में भिवंडी नशे के सौदागरों का अड्डा बन सकता है। नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने पुलिस और प्रशासन से गांजा माफिया और चिलमबाजों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा, नशा मुक्ति अभियान चलाकर युवाओं को जागरूक करने की जरूरत है।

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