बायोमेट्रिक की मदद से आधार नम्बर एवं अंगूठे का फर्जी क्लोन बनाकर दूसरों के खाते से पैसा निकालने वाले दो गिरफ्तार
Two arrested for withdrawing money from other people's accounts by making fake clones of Aadhaar number and thumb with the help of biometrics
आजमगढ़ :सिधारी सिधारी थाने की पुलिस ने बायोमेट्रिक की मदद से आधार नम्बर एवं अंगूठे का फर्जी क्लोन बनाकर दूसरों के खाते से पैसा निकालने वाले दो अभियुक्त गिरफ्तार, रविवार को उपनिरीक्षक राजीव कुमार सिंह मय हमराह व उ0नि0 मो0 अबूशाद मय हमराह साइबर सेल की संयुक्त टीम द्वारा मुखबिर की सूचना मिली की कुछ लोग जो बायोमेट्रिक की मदद से आधार नम्बर एवं अंगूठे का फर्जी क्लोन का प्रयोग करके दूसरों के खाते से पैसा निकाल लेते हैं, रेलवे क्रासिंग मूसेपुर के पास खडे हैं। मुखबिर की सूचना के आधार पर समय करीब 19.42 बजे अभियुक्त 1. संजय कुमार पुत्र बाबूलाल गौतम निवासी ग्राम नौबरार त्रिपुरारपुर खालसा, थाना महराजगंज, जनपद आजमगढ़ उम्र 20 वर्ष 2. अनुराग सिंह पुत्र विनोद सिंह निवासी.3911 संजय कालोनी, सेक्टर 23, गली नं०-39,निकट राजेन्द्र चौक, फरीदाबाद (हरियाणा) उम्र 19 वर्ष को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से 03 अदद मोबाइल फोन, 01 अदद लैपटौप लेनोवो मय चार्जर, 05 अदद अंगुष्ठ चिन्ह क्लोन, 01 अदद यूएसबी बायोमैट्रिक मशीन,01 अदद टाइप सी बायोमैट्रिक मशीन (मोबाइल से कनेक्ट करने वाला), 23 अदद बन्द लिफाफा सिमकार्ड, 02 अदद सिमकार्ड खुला हुआ,तीन अदद कूटरचित आधार कार्ड व 16740/- रूपया नगद बरामद किया गया। जिसके आधार पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 03/2025 धारा 319(2),318(4),336(2),338,336(3), 340(2)बी०एन०एस० पंजीकृत किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त का चालान माननीय न्यायालय किया गया।गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि हम लोग फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से फर्जी सिम कार्ड प्राप्त कर सिम कार्ड के प्रयोग से AEPS (AADHAR ENABLE PAYMENT SYSTEM ) की आईडी के माध्यम से SPICE MONEY PAY, WINGO RAZORPAY, AIRTEL MITRA आदि की आईडी बनाकर उससे आधार कार्ड से रूपया निकालने का काम करते है | हम लोगों द्वारा आईडी बनाने के लिये दूसरे के नाम का फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पैन कार्ड और लाइव फोटो का प्रयोग किया जाता है | बायोमेट्रिक की मदद से आधार नम्बर एवं अंगूठे का फर्जी क्लोन का प्रयोग करके दूसरों के खाते से पैसा निकालकर अपने उपयोग में लिया जाता है | यह काम हम लोग अलग अलग क्षेत्रों से सिम कार्ड एवं आईडी प्राप्त करके करते है,ताकि साइबर कम्प्लेन होने पर हमलोगों का नाम न आकर दूसरे जिलों /राज्यों के लोगों का नाम आये और पुलिस को गुमराह किया जा सके और हम लोग बच सके | साहब हम लोग एक गिरोह बनाकर अपने और अपने परिवार के जीवनयापन के लिए यह कार्य करते है,