चुनाव आयोग ने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया है : दीपांकर भट्टाचार्य

Election Commission has shirked its constitutional responsibilities: Deepankar Bhattacharya

पटना, 23 मई : भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने गुरुवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के बड़े नेताओं द्वारा बार-बार आदर्श आचार संहिता के खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं कर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के साथ मतदान के आंकड़ों को जारी करने में आयोग की देरी ने मौजूदा चुनाव के दौरान चिंताजनक सवाल खड़े कर दिए हैं। मतदान के अंतिम आंकड़ों की घोषणा में अत्यधिक देरी और उन्हें भी केवल प्रतिशत के रूप में घोषित किया जाना तथा अंतिम आंकड़ों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की वजह से मतदाताओं और चुनाव पर्यवेक्षकों के बीच चिंताएं बढ़ गई हैं। चुनाव आयोग के अंतिम वोट प्रतिशत के आंकड़ों में मतदान के दिन या अगली सुबह घोषित आंकड़ों की तुलना में अभूतपूर्व बढ़ोतरी दिखाई जा रही है।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि कुल बढ़ोतरी 1.07 करोड़ वोटों की है। इसका मतलब है कि पहले चार चरणों के 379 निर्वाचन क्षेत्रों में हुए मतदान में औसतन 28,000 वोटों की बढ़ोतरी हुई है। कुछ राज्यों और निर्वाचन क्षेत्रों में यह वृद्धि 10 और 20 प्रतिशत से भी अधिक है।

 

 

 

 

भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया में हर स्तर पर बड़ी गड़बड़ियां देखने को मिली हैं। चुनाव आयोग ने पारदर्शिता और निष्पक्षता से चुनाव संचालन की अपनी सबसे जरूरी संवैधानिक जिम्मेदारियों से पूरी तरह से मुंह मोड़ लिया है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की नींव को कमजोर किया जा रहा है।

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