घोसी नगर स्थित कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय पर रैली की सफलता के लिये बैठक को संबोधित करते शेख हिसामुद्दीन एवं विनोद राय।

रिपोर्ट: अशोक श्रीवास्तव

लखनऊ में 11 अक्टूबर को होने वाली रैली के तैयारियों को लेकर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी ने बैठक के माध्यम से भरी हुंकार*
घोसी/मऊ ।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी घोसी ब्लॉक ईकाई की एक बैठक रविवार को नगर के बड़ागांव स्थित भाकपा के कैम्प कार्यालय पर कैलाश सिंह की अध्यक्षता में हुई।जिसमें 11 अक्टूबर को लखनऊ में राज्य स्तरीय रैली को सफल बनाने व उसकी तैयारियों की रणनीति तैयार हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा के जिला सहसचिव कामरेड शेख हिसामुद्दीन ने कहा कि नव उदारवादी आर्थिक नीतियों को लेकर भाजपा की केंद्र और राज्य की सरकार निरीह और शोषित वर्गों की आमदनी पर हमला कर रही है। जिसका परिणाम है कि इस दौर में आम आदमी को जीविका चलाना मुश्किल हो गया है। एक ओर पूंजीपतियों की आमदनी तेजी से बढ़ रही है तो वहीं देश के 80 करोड़ लोगों को 5 किलो सरकारी राशन पर दिन गुजारने पड़ रहे हैं। कुटीर उद्योग तबाही के कगार पर हैं, करोड़ों लोगों के जीविका के संसाधनों को बेचकर पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है ।केंद्र की मोदी सरकार देश की सम्पत्तियां पूंजीपतियों के हाथों कौड़ी के दाम बेचने में लगी है। मोदी और योगी की सरकार किसानों और मजदूरों, बुनकरों के साथ छल करने पर तुली हुई है, नलकूपों पर मीटर लगाए जा रहे हैं, किसानों की उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, आवारा पशुओं से किसानों की जान और खेती दोनों तबाह हो रहे हैं। यूपी में रोज हत्या, बलात्कार, लूट से कानून-व्यवस्था की हालत दिन दिन बिगड़ती जा रही है। सरकार की ग़लत नीतियों के कारण बुनकरी पेशा में लगे लोगों को जीविका चलाना मुश्किल है।
राज्य कार्यकारिणी सदस्य कामरेड विनोद राय ने कहा कि गांवों की जमीनों पर पूंजीवादी ताकतें अपनी गिद्ध दृष्टि बनाए हुए हैं सरकार संभवतः उसे भी उनके हवाले करने पर तुली हुई है। एक ओर मजदूरों की मजदूरी छीनी जा रही है तो दूसरी ओर बेरोजगारी में हमारा देश विश्व में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। वनवासी समुदाय के अधिकारों को कुचला जा रहा है। पेट्रोल डीजल से लेकर दवाई और पढ़ाई मंहगाई के चरम सीमा तक पहुंचने से आम आदमी से लेकर किसान, नौजवान, बुनकर, मजदूर सब परेशान हैं।
किसान सभा के जिला मंत्री गुफरान अहमद ने कहा कि इस साल बरसात न होने से किसानों की फसल चौपट हो गई है, एक ओर बुनकर और किसान बिजली कटौती से दुखी हैं तो दूसरी ओर समय से सरकार द्वारा नहरों में पानी भी नहीं दिया गया, उन्होंने मऊ जिला को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की।
बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं ने इन सभी सवालों के समाधान हेतु केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए लोगों को अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील के साथ अपनी रणनीति बनाते हुए हुंकार भरी।
इस अवसर पर मुख्य रूप से शेख हिसामुद्दीन, विनोद राय, गुफरान अहमद, एकराम प्रधान, पी. एन. सिंह एडवोकेट, इसरार खान, कैलाश सिंह, इरफान खान, अनीस अहमद, जगरनाथ चौहान, जनार्दन यादव, मो० जावेद, जंगबहादुर चौहान, जमील अहमद, सुधाकर यादव, जयराम यादव, महातम आदि उपस्थित रहे।

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