Varane ki gati se चयापचय संबंधी रोगों से संबंधित बीमारियों को रोका जा सकता है: निष्कर्ष

Varane ki gati se metabolic diseases related diseases can be prevented: Findings

 

नई दिल्ली,: एक शोध में यह बात सामने आई है कि चलने की गति से यह पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति को मोटापे के कारण कोई स्वास्थ्य समस्या तो नहीं है।

 

साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि तेज गति से चलने से मोटे लोगों में मेटाबॉलिक डिजीज संबंधी बीमारियों को रोका जा सकता है। यह गतिशीलता बढ़ाने में मदद करने के साथ खराब स्वास्थ्य का संकेत भी दे सकता है। पिछले अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि धीमी गति से चलने से हृदय संबंधी बीमारियों के विकास और बुजुर्गों में मृत्यु दर के जोखिम में वृद्धि होती है।

जापान में दोशीशा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन ने मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में चलने की गति और चयापचय रोग (मेटाबॉलिक डिजीज) के बीच संबंध का पता लगाया। निष्कर्ष बताते हैं कि यह आकलन करना कि कोई व्यक्ति अपने साथियों की तुलना में अपनी चलने की गति को कैसे समझता है। यह स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन सकता है।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कोजिरो इशी ने कहा, ” इस शोध ने स्पष्ट किया कि मोटापे से ग्रस्त चयापचय संबंधी बीमारियों से घिरा व्‍यक्ति अगर अपनी चलने के गति तेज रखता है तो उसमें उच्च रक्तचाप, मधुमेह और डिस्लिपिडेमिया की संभावना कम होती है।”

अध्ययन के अनुसार, जो व्यक्ति तेजी से चलते हैं वे अधिक फिट हो सकते हैं और उनमें चयापचय रोगों का जोखिम कम होता है।

टीम ने बताया कि तेज चलने से हृदय-श्वसन तंत्र सही रहता है, साथ ही सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव का स्तर भी कम होता है, जो चयापचय संबंधी बीमारियों के दो प्रमुख कारण हैं।

अध्ययन में मोटापे से ग्रस्त 8,578 व्यक्तियों, उच्च कमर परिधि वाले 9,626 व्यक्तियों और दोनों मानदंडों को पूरा करने वाले 6,742 व्यक्तियों की चलने की गति का आकलन किया गया।

परिणामों से पता चला कि जो लोग तेज चलते थे, उनमें मधुमेह का जोखिम काफी कम था (30 प्रतिशत कम) और उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया के जोखिम में छोटी लेकिन उल्लेखनीय कमी आई।

डॉ. इशी ने कहा, ”तेज गति से चलने को बढ़ावा देना एक उपयोगी व्यक्तिगत व्यवहार हो सकता है, जो चयापचय संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है। यह विशेष रूप से मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों पर काम करता है।’

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